भारत में बाइक प्रेमियों के लिए रॉयल एनफील्ड बुलेट 350 (Royal Enfield Bullet 350) सिर्फ एक मोटरसाइकिल नहीं, बल्कि एक जुनून और पहचान है। अब सरकार की ओर से जीएसटी (GST) में कटौती की खबर ने इस बाइक के शौकीनों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। टैक्स कम होने के बाद बुलेट 350 की कीमत में कमी आई है, जिससे यह पहले से ज्यादा किफायती हो गई है।
जीएसटी कटौती का असर
पहले दोपहिया वाहनों पर अधिक दर से GST वसूला जाता था। लेकिन अब सरकार ने दोपहिया वाहनों पर लगने वाले टैक्स में कटौती की है।
- पहले कुल कीमत में 28% तक टैक्स जुड़ जाता था।
- कटौती के बाद अब यह घटकर 18% या उससे भी कम हो गया है (मॉडल व वैरिएंट के अनुसार)।
- सीधा असर बाइक की ऑन-रोड कीमत पर पड़ा है।
बुलेट 350 की नई कीमत (अनुमानित)
- पुरानी कीमत (ऑन-रोड): ₹1.90 लाख – ₹2.05 लाख (वैरिएंट के अनुसार)
- नई कीमत (जीएसटी कटौती के बाद): ₹1.75 लाख – ₹1.90 लाख तक
👉 यानी ग्राहकों को लगभग ₹10,000 से ₹15,000 तक की बचत हो सकती है।
खरीदने से पहले ध्यान देने योग्य बातें
- डीलरशिप ऑफर देखें
- अलग–अलग शहरों और डीलरशिप पर ऑफर्स अलग हो सकते हैं।
- फाइनेंस और EMI प्लान्स की तुलना जरूर करें।
- अलग–अलग शहरों और डीलरशिप पर ऑफर्स अलग हो सकते हैं।
- इंश्योरेंस और रजिस्ट्रेशन चार्ज
- ऑन-रोड कीमत सिर्फ बाइक की एक्स-शोरूम कीमत नहीं होती, इसमें इंश्योरेंस और आरटीओ चार्ज भी शामिल होते हैं।
- ऑन-रोड कीमत सिर्फ बाइक की एक्स-शोरूम कीमत नहीं होती, इसमें इंश्योरेंस और आरटीओ चार्ज भी शामिल होते हैं।
- वैरिएंट का चुनाव
- बुलेट 350 कई वैरिएंट्स में आती है – स्टैंडर्ड, X, ES आदि।
- हर वैरिएंट की कीमत और फीचर्स अलग होते हैं।
- बुलेट 350 कई वैरिएंट्स में आती है – स्टैंडर्ड, X, ES आदि।
- मेंटेनेंस खर्च
- रॉयल एनफील्ड बुलेट की मजबूती और लंबी उम्र तो मशहूर है, लेकिन इसका मेंटेनेंस खर्च अन्य बाइक्स से थोड़ा ज्यादा होता है।
- रॉयल एनफील्ड बुलेट की मजबूती और लंबी उम्र तो मशहूर है, लेकिन इसका मेंटेनेंस खर्च अन्य बाइक्स से थोड़ा ज्यादा होता है।
निष्कर्ष
जीएसटी कटौती से रॉयल एनफील्ड बुलेट 350 अब और भी ज्यादा आकर्षक हो गई है। बाइक खरीदने का सपना देखने वाले युवाओं और शौकीनों के लिए यह शानदार मौका है। अगर आप बुलेट 350 लेने की सोच रहे हैं, तो अभी डीलरशिप पर जाकर नई कीमत जरूर चेक करें और ऑफर्स का फायदा उठाएँ।
👉 “बुलेट चले तो सड़क थर्राए” – इस कहावत को जीने का अब सही समय आ गया है।
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