उत्तर प्रदेश के एक जिले में 600 से ज्यादा शिक्षकों की सैलरी को लेकर संकट उत्पन्न हो गया है। शिक्षकों का कहना है कि वे महीनेभर मेहनत करने के बावजूद अपनी सैलरी समय पर नहीं पा रहे हैं। इस स्थिति का मुख्य कारण प्रशासन द्वारा कुछ जरूरी प्रक्रियाओं का न करना बताया जा रहा है।
सैलरी में देरी का कारण
सूत्रों के अनुसार, जिले के कई सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की सैलरी पे-रोल सिस्टम या फंड रिलीज़ की प्रक्रिया में देरी के कारण नहीं भेजी जा सकी है। सरकारी विभाग ने अभी तक सैलरी के लिए आवश्यक दस्तावेज़ों का सत्यापन और फंड ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी नहीं की है।
शिक्षकों की परेशानी
- महीनेभर की मेहनत के बावजूद वे अपने परिवार का खर्च चलाने में दिक्कत महसूस कर रहे हैं।
- कई शिक्षकों ने बताया कि वे बैंक लोन, बच्चों की पढ़ाई और रोजमर्रा के खर्च में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
- शिक्षकों का यह भी कहना है कि सैलरी समय पर न मिलने से उनका मनोबल गिर रहा है।
प्रशासन का बयान
जिले के शिक्षा विभाग ने कहा है कि सैलरी प्रक्रिया में तकनीकी समस्याओं के कारण देरी हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही सभी शिक्षकों को उनके वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा। विभाग ने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए सैलरी प्रक्रिया को ऑनलाइन और समयबद्ध बनाया जाएगा।
प्रभाव और आगे की संभावना
इस देरी से ना सिर्फ शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ रही हैं, बल्कि बच्चों की पढ़ाई पर भी अप्रत्यक्ष असर पड़ सकता है। शिक्षकों के हड़ताल या विरोध के मामलों को ध्यान में रखते हुए विभाग ने कहा है कि अगले महीने से सैलरी समय पर देने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
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