भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि भारत आने वाले वर्षों में लगातार 8 प्रतिशत जीडीपी ग्रोथ हासिल करने का लक्ष्य रखता है। यह लक्ष्य आसान नहीं है, लेकिन सरकार ने इसके लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार किया है। वित्त मंत्री ने भरोसा जताया कि अगर यह ग्रोथ रेट कायम रही, तो 2047 तक भारत का सपना – ‘विकसित राष्ट्र बनने का विज़न’ – हकीकत में बदल जाएगा।
चुनौतियों के बीच मजबूत लक्ष्य
ग्लोबल स्तर पर अनिश्चितताओं और आर्थिक चुनौतियों के बावजूद भारत लगातार तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है। वित्त मंत्री ने कहा कि आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और अगले दशक में इसे टॉप-3 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने की रणनीति पर काम चल रहा है।
उन्होंने माना कि वैश्विक मंदी, आपूर्ति श्रृंखला में बाधा, जलवायु संकट और भू-राजनीतिक तनाव जैसी कई चुनौतियाँ सामने हैं, लेकिन भारत के पास डिजिटल इकोनॉमी, डेमोग्राफिक डिविडेंड और सुधारों की नीति जैसी मजबूत नींव है।
विकसित भारत 2047: रणनीति के मुख्य बिंदु
निर्मला सीतारमण ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए कुछ प्रमुख रणनीतियाँ साझा कीं –
- इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा निवेश – हाईवे, रेलवे, पोर्ट और एयरपोर्ट नेटवर्क को वर्ल्ड क्लास स्तर पर लाना।
- मेक इन इंडिया और उत्पादन – मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को 25% जीडीपी तक पहुंचाना।
- डिजिटल और टेक्नोलॉजी – एआई, फिनटेक और डिजिटल इंडिया को आगे बढ़ाकर रोजगार और नवाचार को बढ़ावा देना।
- ग्रीन एनर्जी पर फोकस – 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य, सौर और हाइड्रोजन ऊर्जा में भारत को वैश्विक लीडर बनाना।
- मानव पूंजी में निवेश – शिक्षा, कौशल विकास और हेल्थ सेक्टर में सुधार।
- ग्लोबल ट्रेड और निवेश आकर्षण – विदेशी निवेशकों के लिए आसान नीतियां और नए व्यापार समझौते।
8% ग्रोथ क्यों है खास?
भारत ने पहले भी 7-8% की ग्रोथ हासिल की है, लेकिन लगातार इसे कायम रखना सबसे बड़ी चुनौती है। अगर यह दर बनी रहती है, तो भारत की अर्थव्यवस्था 2047 तक कई ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी और प्रति व्यक्ति आय भी विकसित देशों के बराबर पहुंच सकेगी।
विशेषज्ञों की राय
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह लक्ष्य महत्वाकांक्षी जरूर है, लेकिन असंभव नहीं। भारत के पास बड़ी घरेलू खपत, युवा आबादी और सुधारों का मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है। हालांकि, इसके लिए कृषि सुधार, रोजगार सृजन और वित्तीय अनुशासन पर ध्यान देना बेहद जरूरी होगा।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य
भारत के विज़न 2047 को अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने भी सराहा है। वर्ल्ड बैंक और IMF पहले ही भारत को वैश्विक ग्रोथ इंजन बता चुके हैं। चीन की धीमी होती ग्रोथ के बीच भारत के पास यह मौका है कि वह एशिया की नई आर्थिक ताकत बनकर उभरे।
















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