दिल्ली की राजनीति में उस समय बड़ा ड्रामा देखने को मिला जब आप (AAP) सांसद संजय सिंह को पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया। हालांकि, इस हाउस अरेस्ट के बावजूद संजय सिंह ने सभी को चौंकाते हुए गेट फांदकर नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात की। इस घटना ने न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाई, बल्कि सोशल मीडिया पर भी खूब सुर्खियां बटोरीं।
हाउस अरेस्ट क्यों हुए संजय सिंह?
सूत्रों के मुताबिक, संजय सिंह को पुलिस ने संवेदनशील इलाके में बढ़ते तनाव और उनकी प्रस्तावित रैली को देखते हुए घर में नजरबंद किया था।
- पुलिस का कहना है कि सुरक्षा कारणों से यह कदम उठाया गया।
- लेकिन आप नेताओं का आरोप है कि यह लोकतांत्रिक आवाज दबाने की कोशिश है।
- संजय सिंह को सुबह से ही उनके आवास पर सुरक्षाबलों ने घेर रखा था।
गेट फांदकर निकले बाहर
दिल्ली पुलिस की तैनाती के बावजूद संजय सिंह ने सबको चौंका दिया।
- उन्होंने घर के पिछले हिस्से से गेट फांदकर बाहर निकलने की कोशिश की।
- सुरक्षाबलों को चकमा देकर वे निकल गए और सीधे फारूक अब्दुल्ला के घर पहुंच गए।
- उनकी यह हरकत कैमरों में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई।
फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात
संजय सिंह ने फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात कर राजनीतिक हालात और विपक्षी एकजुटता पर चर्चा की।
- सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं ने मौजूदा सरकार की नीतियों की आलोचना की।
- फारूक अब्दुल्ला ने संजय सिंह की “संघर्षशील छवि” की सराहना की।
- बैठक के बाद संजय सिंह ने कहा कि विपक्ष को अब ज्यादा मजबूती से जनता की आवाज उठानी होगी।
आम आदमी पार्टी का बयान
आम आदमी पार्टी ने इस पूरे घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
विपक्षी राजनीति में नया मोड़
- संजय सिंह और फारूक अब्दुल्ला की यह मुलाकात विपक्षी एकता की दिशा में अहम मानी जा रही है।
- जानकारों का कहना है कि आने वाले समय में यह नए राजनीतिक गठबंधन का रूप भी ले सकती है।
- विपक्षी पार्टियां अब इस मुद्दे को संसद और सड़क दोनों पर जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर रही हैं।
सोशल मीडिया पर चर्चा
- ट्विटर (X) और फेसबुक पर #SanjaySingh ट्रेंड करने लगा।
- यूजर्स ने उन्हें “गेट फांदू सांसद” का नया नाम दे दिया।
- वहीं कई लोगों ने सरकार की आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया।
निष्कर्ष
AAP सांसद संजय सिंह का हाउस अरेस्ट और गेट फांदकर फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात भारतीय राजनीति में एक दिलचस्प घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है। यह घटना न केवल विपक्षी एकता को मजबूती दे सकती है बल्कि आने वाले समय में सत्ता और विपक्ष के बीच टकराव को भी और तेज कर सकती है। अब देखना होगा कि इस घटनाक्रम का असर देश की राजनीति पर किस तरह पड़ता है।
















Leave a Reply