Amazon Job Cuts : दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी Amazon ने एक बार फिर बड़े पैमाने पर छंटनी (Layoffs) का ऐलान किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी आज यानी 27 अक्टूबर 2025 से अब तक की अपनी सबसे बड़ी छंटनी प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। इस बार करीब 30,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
कंपनी के कुल करीब 15 लाख कर्मचारियों में से यह छंटनी करीब 2% वर्कफोर्स को प्रभावित करेगी। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अमेजन के कई बिजनेस सेक्टर — जैसे ई-कॉमर्स, क्लाउड सर्विसेज और एआई टेक्नोलॉजी — में लागत घटाने और मुनाफा बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है।
किन कर्मचारियों पर पड़ेगा असर?
सूत्रों के मुताबिक, यह छंटनी मुख्य रूप से कॉर्पोरेट, टेक्निकल और लॉजिस्टिक विभागों में की जाएगी।
सबसे ज्यादा असर Amazon Web Services (AWS), Alexa डिवीजन, Prime Video टीम, और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क पर पड़ने की संभावना है।
इसके अलावा कंपनी कुछ देशों में वेयरहाउस ऑटोमेशन बढ़ाने की योजना बना रही है, जिससे मैनुअल स्टाफ की जरूरत कम हो जाएगी।
Amazon ने क्या कहा?
अमेजन के सीईओ एंडी जैसी (Andy Jassy) ने कर्मचारियों को भेजे एक इंटरनल ईमेल में कहा —
“हम कंपनी को लंबी अवधि के लिए स्थिर और अधिक कुशल बनाना चाहते हैं। यह निर्णय कठिन है, लेकिन जरूरी भी। हम हर प्रभावित कर्मचारी को ट्रांजिशन के दौरान पूरा सहयोग देंगे।”
कंपनी ने कहा कि जिन कर्मचारियों को निकाला जाएगा, उन्हें सेवेरेंस पैकेज, हेल्थ बेनिफिट्स और जॉब प्लेसमेंट सपोर्ट दिया जाएगा।
क्यों करनी पड़ रही है इतनी बड़ी छंटनी?
कंपनी के मुताबिक, पिछले एक साल में ऑपरेशनल कॉस्ट (Operational Cost) तेजी से बढ़ी है, जबकि ई-कॉमर्स ग्रोथ उम्मीद से कम रही।
इसके अलावा, AI-आधारित ऑटोमेशन और रोबोटिक सिस्टम के बढ़ते उपयोग से कई पारंपरिक पद अब अनावश्यक हो गए हैं।
कोविड महामारी के बाद अमेजन ने भारी मात्रा में स्टाफ भर्ती किया था, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है।
कंपनी अपने वर्कफोर्स को 2026 तक 10% तक घटाने की रणनीति पर काम कर रही है।
किन देशों में सबसे ज्यादा असर?
रिपोर्ट्स के अनुसार, छंटनी का सबसे बड़ा असर अमेरिका, कनाडा, भारत, जर्मनी और ब्रिटेन में पड़ेगा।
भारत में अमेजन के करीब 1.1 लाख कर्मचारी हैं, जिनमें से लगभग 3,000-4,000 पद खतरे में बताए जा रहे हैं।
ई-कॉमर्स सेक्टर में छंटनी की लहर
सिर्फ अमेजन ही नहीं, बल्कि अन्य टेक कंपनियां भी छंटनी के दौर से गुजर रही हैं।
- Google ने हाल ही में 12,000 कर्मचारियों को निकाला
- Meta (Facebook) ने 10,000 पदों में कटौती की
- Microsoft ने 8,000 से अधिक कर्मचारियों को हटाया
इन कंपनियों का कहना है कि वे “AI-Driven Economy” की ओर बढ़ रही हैं, जहां कम कर्मचारियों से अधिक काम किया जा सकता है।
शेयर मार्केट में उछाल
दिलचस्प बात यह है कि अमेजन के छंटनी की खबर आने के बाद कंपनी के शेयरों में 3.2% की बढ़त देखी गई।
निवेशकों का मानना है कि इससे कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार होगा।
कर्मचारियों में नाराजगी
हालांकि, अमेजन के कई कर्मचारियों ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई है।
एक कर्मचारी ने X (Twitter) पर लिखा —
“कंपनी मुनाफे में है, फिर भी हमें निकाला जा रहा है। टेक सेक्टर में अब स्थिरता नाम की कोई चीज़ नहीं बची।”
आगे की रणनीति
सूत्रों के मुताबिक, अमेजन AI, क्लाउड कंप्यूटिंग और स्मार्ट डिवाइस से जुड़े प्रोजेक्ट्स में निवेश बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।
कंपनी चाहती है कि आने वाले वर्षों में कम स्टाफ के साथ अधिक प्रोडक्टिव और ऑटोमेटेड सिस्टम तैयार हो।
निष्कर्ष
अमेजन की यह छंटनी 2025 की सबसे बड़ी टेक इंडस्ट्री लेऑफ मानी जा रही है।
एक ओर कंपनी मुनाफा बढ़ाने के लिए लागत घटा रही है, वहीं दूसरी ओर हजारों परिवारों की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है।
अगर यही रफ्तार रही, तो आने वाले महीनों में अन्य बड़ी कंपनियां भी “छंटनी की दौड़” में शामिल हो सकती हैं — और इसका असर पूरी दुनिया के टेक जॉब मार्केट पर पड़ेगा।
















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