Asia Cup Final: मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर खिताब अपने नाम किया। इस मैच में भारतीय बल्लेबाज तिलक वर्मा ने नाबाद 69 रनों की शानदार पारी खेली और टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। मैदान पर उनके बल्ले की दहाड़ गूंज उठी, लेकिन मैच के बाद उन्होंने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया। इस कदम ने सोशल मीडिया और क्रिकेट जगत में नई बहस छेड़ दी है।
तिलक वर्मा की पारी: जीत की नींव
फाइनल मुकाबले में जब भारत शुरुआती झटकों से जूझ रहा था, तब तिलक वर्मा ने पारी को संभाला।
- उन्होंने धैर्य और आक्रामकता का बेहतरीन संतुलन दिखाते हुए 69 रन बनाए।
- उनकी पारी में चौके-छक्कों की बरसात देखने को मिली।
- आखिर तक नाबाद रहते हुए उन्होंने टीम को जीत की मंज़िल तक पहुंचाया।
उनकी इस पारी को मैच की टर्निंग पॉइंट माना जा रहा है।
‘नो हैंडशेक’ का फैसला
जीत के बाद आमतौर पर दोनों टीमें हाथ मिलाकर खेल भावना का प्रदर्शन करती हैं। लेकिन तिलक वर्मा ने इस परंपरा को तोड़ते हुए पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया।
- कैमरों ने साफ दिखाया कि भारतीय खिलाड़ी आपस में गले मिल रहे थे, लेकिन तिलक ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों की ओर रुख तक नहीं किया।
- उनका यह व्यवहार अब चर्चा का विषय बन गया है।
तिलक वर्मा का बयान
हालांकि तिलक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस पर कोई सीधा बयान नहीं दिया, लेकिन सूत्रों के मुताबिक उन्होंने टीम मैनेजमेंट से कहा कि यह उनका व्यक्तिगत फैसला था।
उनका मानना था कि
“मैदान पर हम खेलते हैं, लेकिन कुछ परिस्थितियों में हम हाथ नहीं मिला सकते। मेरे लिए जीत ही सबसे बड़ी खुशी है।”
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
- कई भारतीय प्रशंसकों ने तिलक के फैसले की सराहना की और इसे “गर्व का कदम” बताया।
- वहीं, कुछ लोगों ने इसे खेल भावना के खिलाफ बताया और कहा कि क्रिकेट को राजनीति या तनाव से दूर रखना चाहिए।
- पाकिस्तानी मीडिया ने इसे “अभद्र व्यवहार” करार दिया।
निष्कर्ष
तिलक वर्मा की पारी ने भारत को एशिया कप 2025 का चैंपियन बना दिया। हालांकि, उनका ‘नो हैंडशेक’ वाला फैसला जीत की खुशी के बीच विवाद का मुद्दा बन गया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पर बीसीसीआई और एशियन क्रिकेट काउंसिल की क्या प्रतिक्रिया आती है।












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