लखनऊ। समाजवादी पार्टी (SP) के कद्दावर नेता और रामपुर से पूर्व सांसद आज़म खान को बड़ी राहत मिली है। करीब 23 महीने जेल में बिताने के बाद उन्हें देर रात रिहा कर दिया गया। रामपुर जेल से बाहर आते ही आज़म खान का समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया। हालांकि राजनीतिक गलियारों में अब सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि उनकी यह रिहाई कितने दिन टिकेगी।
23 महीने की जेल यात्रा
आज़म खान पर जमीन कब्जे से लेकर धोखाधड़ी, घोटाले और नफरत फैलाने वाले भाषण तक कई मामले दर्ज थे।
- रामपुर और सीतापुर जेल में उन्होंने लगभग 23 महीने बिताए।
- कुल दर्जनों मामलों में फंसे आज़म खान को अदालत से धीरे-धीरे जमानत मिली।
- आखिरी मामले में भी जमानत मिलने के बाद उनकी रिहाई का रास्ता साफ हुआ।
रिहाई पर सियासी हलचल
- आज़म खान की रिहाई को SP समर्थकों ने “न्याय की जीत” बताया।
- बीजेपी खेमे में इस पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली।
- राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनकी रिहाई का असर आगामी उपचुनाव और 2027 विधानसभा की रणनीति पर भी पड़ेगा।
कितने दिन की है आज़ादी?
हालांकि आज़म खान के खिलाफ अभी भी कई मामले अदालत में लंबित हैं।
- अगर इन मामलों में से किसी में भी गिरफ्तारी या सजा होती है, तो उन्हें फिर से जेल जाना पड़ सकता है।
- वकीलों का कहना है कि कानूनी राहत अस्थायी हो सकती है।
- इसलिए आज़म खान की यह रिहाई पूरी तरह स्थायी नहीं मानी जा रही।
समर्थकों का जश्न
रामपुर में आज़म खान के समर्थकों ने देर रात तक जुलूस निकाला और मिठाइयां बांटीं।
- कार्यकर्ताओं ने कहा कि “नेताजी निर्दोष हैं, उन्हें झूठे मामलों में फंसाया गया।”
- जेल से बाहर आते ही आज़म खान ने मीडिया से कहा – “सच्चाई की जीत हुई है।”
निष्कर्ष
23 महीने बाद मिली रिहाई आज़म खान और उनके परिवार के लिए राहत की खबर है, लेकिन अदालतों में लंबित मुकदमे अब भी उनकी राजनीति और आज़ादी पर खतरा बने हुए हैं। आने वाले दिनों में यह साफ हो जाएगा कि यह रिहाई वाकई स्थायी है या फिर कुछ ही दिनों की मेहमान।
















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