69,000 शिक्षक भर्ती पर भड़के अभ्यर्थी, अचानक मंत्री आवास पहुंचकर किया प्रदर्शन

69000 शिक्षक भर्ती पर भड़के अभ्यर्थी, अचानक मंत्री आवास पहुंचकर किया प्रदर्शन

बिहार में 69,000 शिक्षक भर्ती को लेकर हजारों अभ्यर्थियों का गुस्सा शनिवार को सामने आया। सरकारी नोटिफिकेशन और चयन प्रक्रिया में देरी से नाराज अभ्यर्थियों ने अचानक शिक्षा मंत्री के आवास का रुख किया और अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया।

अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

अभ्यर्थियों ने कहा कि सरकारी परीक्षा और भर्ती प्रक्रिया में लगातार देरी हो रही है, जिससे उनका भविष्य अधर में फंसा हुआ है। उन्होंने नारे लगाते हुए कहा,

“हमारा हक़ दो, हमारी नौकरी दो। अब और इंतजार नहीं चलेगा।”

प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में मंत्री आवास पहुंचे और अपनी मांगें लिखित रूप में अधिकारियों को सौंपीं। कई अभ्यर्थियों ने कहा कि वे शांति पूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अगर उनकी बात नहीं सुनी गई तो और बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

मंत्री का अचानक दौरा

सूचना मिलते ही शिक्षा मंत्री [मंत्री का नाम] अपने आवास पर पहुंचे और अभ्यर्थियों से सीधे बातचीत की। उन्होंने आश्वासन दिया कि भर्ती प्रक्रिया में हो रही देरी को जल्द ही दूर किया जाएगा और योग्य अभ्यर्थियों को प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी।

मंत्री ने कहा,

“हम आपकी चिंताओं को समझते हैं। भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से पूरी की जाएगी। कृपया संयम बनाए रखें।”

अभ्यर्थियों की मुख्य मांगें

  1. जल्द से जल्द 69,000 शिक्षक पदों पर नियुक्ति
  2. भर्ती प्रक्रिया में साफ-सफाई और पारदर्शिता
  3. परीक्षा और परिणामों में अनावश्यक देर को समाप्त किया जाए।

अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी कि अगर 15 दिनों में उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।

स्थिति का जायजा

प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन मंत्री और अधिकारियों के बीच वार्ता जारी है। शिक्षा विभाग ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया को गति देने के लिए तकनीकी और प्रशासनिक कदम उठाए जा रहे हैं।

निष्कर्ष

69,000 शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यर्थियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। मंत्री के आवास पर अचानक पहुंचने से यह साफ हो गया कि स्थिति संवेदनशील है और सरकार को जल्द ही ठोस कदम उठाने होंगे।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अभ्यर्थियों की मांगों पर तुरंत कार्रवाई होती है और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और त्वरित निर्णय लिया जाता है या नहीं।

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