चंद्र ग्रहण 2025: सावधान! जानें कब और क्यों होगा ये खतरनाक और शक्तिशाली चांद का मोड़!

"चंद्र ग्रहण 2025: सावधान! जानें कब और क्यों होगा ये खतरनाक और शक्तिशाली चांद का मोड़!"

2025 का साल खगोल विज्ञान और ज्योतिष दोनों दृष्टियों से बेहद खास माना जा रहा है। इस साल कई बड़े खगोलीय घटनाक्रम होने वाले हैं, जिनमें से सबसे चर्चित रहेगा चंद्र ग्रहण 2025। चंद्र ग्रहण हमेशा से ही लोगों के लिए रहस्य और उत्सुकता का विषय रहा है। वैज्ञानिक दृष्टि से यह एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है, जबकि ज्योतिषीय मान्यताओं में इसे शुभ-अशुभ फल देने वाला माना जाता है।

आइए जानते हैं 2025 के चंद्र ग्रहण से जुड़ी खास बातें—

चंद्र ग्रहण कब लगेगा?

2025 में कुल दो चंद्र ग्रहण पड़ेंगे।

  1. पहला चंद्र ग्रहण – 14 मार्च 2025 (पूर्ण चंद्र ग्रहण)
  2. दूसरा चंद्र ग्रहण – 7 सितंबर 2025 (आंशिक चंद्र ग्रहण)

भारत में इनमें से मार्च का ग्रहण स्पष्ट रूप से दिखाई देगा, जबकि सितंबर का ग्रहण आंशिक रूप से ही देखा जा सकेगा।

चंद्र ग्रहण क्यों होता है?

जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है, तब चंद्र ग्रहण होता है। यह घटना केवल पूर्णिमा की रात को ही संभव होती है।

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से चंद्र ग्रहण 2025

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा की ऊर्जा प्रभावित होती है। चंद्रमा मन और भावनाओं का कारक माना जाता है, इसलिए ग्रहण का असर सीधा मन, मानसिक स्थिति और जीवन के उतार-चढ़ाव पर पड़ सकता है।

  • 14 मार्च 2025 का ग्रहण: यह मीन राशि में लगेगा। इससे जल तत्व की राशियों (कर्क, वृश्चिक, मीन) के जातकों पर अधिक प्रभाव पड़ेगा।
  • 7 सितंबर 2025 का ग्रहण: यह कुंभ राशि में होगा। इससे वायु तत्व राशियों (मिथुन, तुला, कुंभ) पर विशेष असर देखा जा सकता है।

सावधानियां जो रखनी चाहिए

  1. ग्रहण के समय भोजन न करें – शास्त्रों में ग्रहण के दौरान पकाया हुआ भोजन खाने से मना किया गया है।
  2. मंत्र जाप और ध्यान करें – इस समय आध्यात्मिक साधना का महत्व बढ़ जाता है।
  3. गर्भवती महिलाएं विशेष सावधानी रखें – परंपरागत मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल में बाहर निकलने से बचना चाहिए।
  4. स्नान और दान – ग्रहण के बाद स्नान करना और जरूरतमंदों को दान देना शुभ माना गया है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

वैज्ञानिक कहते हैं कि चंद्र ग्रहण से डरने की जरूरत नहीं है। यह केवल एक खगोलीय घटना है जो पृथ्वी की छाया के कारण होती है। हां, इस समय चंद्रमा का रंग कभी-कभी लालिमा लिए हुए दिखाई देता है, जिसे ब्लड मून भी कहा जाता है।

निष्कर्ष

चंद्र ग्रहण 2025 एक बेहद महत्वपूर्ण खगोलीय घटना होगी। ज्योतिष मान्यताओं में इसे सावधानी और साधना का समय बताया गया है, वहीं विज्ञान इसे देखने लायक अद्भुत खगोलीय नजारा मानता है।

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