Childbirth In Space: क्या एलियंस जैसा दिखेगा अंतरिक्ष में पैदा होने वाला बच्चा? जानें अंतरिक्ष में जन्मे शिशु की शरीर बनावट कैसी हो सकती है

Childbirth In Space: क्या एलियंस जैसा दिखेगा अंतरिक्ष में पैदा होने वाला बच्चा? जानें अंतरिक्ष में जन्मे शिशु की शरीर बनावट कैसी हो सकती है

नई दिल्ली: विज्ञान और तकनीक ने इंसानों को चंद्रमा और मंगल तक पहुंचा दिया है, और अब सवाल यह उठने लगा है कि क्या भविष्य में अंतरिक्ष में इंसानों का “प्राकृतिक प्रजनन” संभव होगा? और अगर ऐसा हुआ, तो क्या अंतरिक्ष में जन्मा बच्चा हमारी पृथ्वी पर पैदा हुए बच्चों जैसा होगा, या फिर वह किसी “एलियन” की तरह दिखेगा?

इस विषय पर दुनियाभर के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने गंभीरता से अध्ययन करना शुरू कर दिया है। क्योंकि अंतरिक्ष की स्थितियां – जैसे गुरुत्वाकर्षण की कमी (microgravity), रेडिएशन और वातावरण का अभाव – एक शिशु के विकास को पृथ्वी से बिल्कुल अलग बना सकते हैं।

अंतरिक्ष में गर्भधारण: सबसे बड़ी चुनौती

अभी तक अंतरिक्ष में इंसानों का गर्भधारण और प्रसव नहीं हुआ है। हालांकि, चूहों और अन्य जानवरों पर किए गए प्रयोगों से यह बात सामने आई है कि microgravity में भ्रूण का सामान्य विकास बाधित हो सकता है।

  • गर्भाशय में भ्रूण के सही से चिपकने (implantation) और विकसित होने में दिक्कत हो सकती है।
  • रक्त प्रवाह और पोषण तत्वों के वितरण में अंतर आ सकता है।
  • हड्डियों और मांसपेशियों के विकास में कमी देखी गई है।

कैसा दिख सकता है अंतरिक्ष में जन्मा बच्चा?

अगर किसी तरह सुरक्षित गर्भधारण और प्रसव हो भी जाए, तब भी अंतरिक्ष में जन्मे बच्चे का शरीर पृथ्वी पर पैदा हुए बच्चों से काफी अलग हो सकता है:

1. कमजोर मांसपेशियां और हड्डियाँ:

  • गुरुत्वाकर्षण की कमी के कारण हड्डियाँ पूरी मजबूती से विकसित नहीं होंगी।
  • मांसपेशियाँ कमज़ोर और पतली हो सकती हैं, जिससे शरीर दुबला और असंतुलित दिख सकता है।

2. बड़े सिर और आंखें:

  • वैज्ञानिकों का मानना है कि अंतरिक्ष में तरल पदार्थों के शरीर में ऊपर की ओर खिंचने से सिर थोड़ा बड़ा और आंखें उभरी हुई हो सकती हैं।
  • कम रोशनी और रेडिएशन से बचाव के लिए आंखों की संरचना भी अलग हो सकती है – संभवतः बड़ी और गहरी।

3. त्वचा और रंगत में बदलाव:

  • सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों और कॉस्मिक रेडिएशन का असर त्वचा पर हो सकता है।
  • त्वचा अधिक संवेदनशील या मोटी हो सकती है, और रंग भी गहरा या फीका हो सकता है।

4. प्राकृतिक “एलियन जैसा” रूप:

  • अगर कई पीढ़ियों तक इंसान अंतरिक्ष में रहें और वहीं बच्चे पैदा होते रहें, तो उनकी बनावट धीरे-धीरे पृथ्वी के इंसानों से अलग होती जाएगी।
  • वैज्ञानिकों ने यह भी सुझाव दिया है कि भविष्य में अंतरिक्ष में रहने वाले इंसान एक नई “प्रजाति” के रूप में विकसित हो सकते हैं – न तो पूरी तरह इंसान, न ही एलियन, लेकिन कुछ नया।

क्या ऐसा भविष्य संभव है?

NASA, ESA (European Space Agency), और निजी स्पेस एजेंसियां जैसे SpaceX, Blue Origin आदि लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने योग्य बस्तियों की योजना बना रहे हैं। Space tourism के बाद अगला कदम Space colonization हो सकता है। ऐसे में यह कल्पना अब कोरी साइंस फिक्शन नहीं रही कि भविष्य में कोई बच्चा मंगल या चंद्रमा पर जन्म ले।

हालांकि, फिलहाल अंतरिक्ष में गर्भावस्था और प्रसव से जुड़ी जैविक, तकनीकी और नैतिक चुनौतियाँ बहुत अधिक हैं। लेकिन विज्ञान तेजी से आगे बढ़ रहा है, और शायद आने वाले 50-100 वर्षों में ऐसा दृश्य भी हकीकत बन जाए।

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