मुंबई में एक बार फिर से अंडरवर्ल्ड और क्रिकेट जगत का कनेक्शन सुर्खियों में है।
मुंबई क्राइम ब्रांच (MCB) ने खुलासा किया है कि क्रिकेटर रिंकू सिंह से डी कंपनी के नाम पर 5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी।
सूत्रों के मुताबिक, यह मामला तब सामने आया जब रिंकू सिंह को अज्ञात नंबरों से लगातार धमकियाँ दी जा रही थीं। धमकियों में उनकी निजी सुरक्षा और खेल करियर को लेकर गंभीर खतरे जताए गए थे।
मुंबई क्राइम ब्रांच की कार्रवाई
MCB ने तुरंत मामले की जांच शुरू की और साइबर और फील्ड ऑपरेशन के जरिए अपराधियों की लोकेशन ट्रेस की।
जांच में सामने आया कि यह गिरोह डी कंपनी के नाम पर डर फैलाकर बड़ी रकम वसूलने की कोशिश कर रहा था।
MCB के अधिकारी ने बताया:
“हमने यह सुनिश्चित किया कि रिंकू सिंह सुरक्षित रहें। हम अपराधियों तक जल्दी पहुंच गए और मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी।”
रिंकू सिंह और उनकी प्रतिक्रिया
रिंकू सिंह, जो घरेलू क्रिकेट और स्थानीय टूर्नामेंट में नाम कमा रहे हैं, इस घटना से सकते में थे।
उन्होंने मीडिया को बताया कि
“मुझे इस तरह की धमकी की उम्मीद नहीं थी। मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच की सतर्कता के कारण ही मैं सुरक्षित हूं।”
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की धमकियाँ अक्सर खिलाड़ियों को मानसिक दबाव में लाने और उन्हें रकम देने के लिए मजबूर करने के लिए होती हैं।
डी कंपनी का डर और अपराधियों की नई रणनीति
डी कंपनी का नाम मुंबई अंडरवर्ल्ड में लंबे समय से खौफ पैदा करने के लिए जाना जाता है।
जांच में सामने आया कि अपराधियों ने अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए सामाजिक और खेल जगत के युवा चेहरों को निशाना बनाया है।
MCB का कहना है कि यह गिरोह अब क्रिकेट और मनोरंजन इंडस्ट्री के लोगों पर भी नजर रखता है, जिससे यह साफ है कि उनका लक्ष्य केवल डर फैलाना और पैसों की वसूली करना है।
विशेषज्ञों की राय
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि क्रिकेट और अन्य खेलों में युवाओं को निशाना बनाना अंडरवर्ल्ड की नई रणनीति है।
वे खिलाड़ी और उनके परिवार पर दबाव डालते हैं, ताकि वे भय में आकर पैसे या सुविधाएँ दें।
क्राइम ब्रांच ने स्पष्ट किया कि
“हम किसी भी तरह की धमकी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। दोषियों को कानून के अनुसार सजा दी जाएगी।”
क्या यह घटना खिलाड़ियों के लिए चेतावनी है?
विशेषज्ञ मानते हैं कि रिंकू सिंह के मामले ने पूरे खेल जगत को चेतावनी दी है कि खिलाड़ियों को अपने नेटवर्क और सुरक्षा उपायों को मजबूत करना होगा।
खिलाड़ियों को साइबर सुरक्षा, निजी सुरक्षा और कानूनी सहायता पर ध्यान देना जरूरी है।
निष्कर्ष
मुंबई क्राइम ब्रांच ने समय रहते कार्रवाई करके रिंकू सिंह को सुरक्षित रखा और इस गिरोह की चाल को फेल कर दिया।
यह घटना यह साबित करती है कि डी कंपनी जैसे गिरोह अभी भी सक्रिय हैं और खिलाड़ियों को निशाना बना सकते हैं।












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