कनाडा और अमेरिका में इस रविवार को कुछ अलग नज़ारा देखने को मिलेगा। जैसे ही घड़ी में रात के 2 बजेंगे, समय आगे नहीं बढ़ेगा बल्कि एक घंटा पीछे कर दिया जाएगा। यानी 2 बजे के बाद सीधे फिर से 1 बजे नहीं, बल्कि 2 ही बजे दिखेंगे। यह कोई तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि एक तय परंपरा है जिसे कहा जाता है — “Daylight Saving Time” (DST)।
क्या है Daylight Saving Time?
डे-लाइट सेविंग टाइम (DST) एक ऐसा सिस्टम है जिसमें गर्मियों के महीनों में दिन के उजाले का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए घड़ियों को एक घंटे आगे कर दिया जाता है। इसका मतलब है कि लोग शाम को अधिक देर तक प्राकृतिक रोशनी का उपयोग कर सकते हैं और बिजली की खपत कम होती है।
जब गर्मियों का मौसम खत्म होता है और सर्दी आती है, तब घड़ियों को फिर से एक घंटा पीछे कर दिया जाता है ताकि सूरज जल्दी डूबने पर भी सुबह का समय सामान्य बना रहे।
कब और क्यों बदलती है घड़ी?
अमेरिका और कनाडा में मार्च के दूसरे रविवार को घड़ी एक घंटा आगे की जाती है (2 बजे के बाद 3 बजती है), जबकि नवंबर के पहले रविवार को घड़ी एक घंटा पीछे कर दी जाती है (3 बजे के बाद 2 बजती है)।
इस साल यह बदलाव 3 नवंबर 2025 की रात में होगा।
इस नियम की शुरुआत कैसे हुई?
Daylight Saving Time का विचार सबसे पहले बेंजामिन फ्रैंकलिन ने 1784 में दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर लोग जल्दी उठें और सूरज की रोशनी का अधिक उपयोग करें तो मोमबत्तियों की खपत कम होगी।
बाद में पहला देश जिसने DST लागू किया, वह था जर्मनी — 1916 में, प्रथम विश्व युद्ध के दौरान।
फिर धीरे-धीरे यूरोप, अमेरिका, कनाडा और कई अन्य देशों ने इसे अपनाया।
किन देशों में लागू है और किनमें नहीं?
- DST अपनाने वाले देश: अमेरिका, कनाडा, अधिकांश यूरोपीय देश, ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्से।
- DST न अपनाने वाले देश: भारत, चीन, जापान, रूस, इंडोनेशिया आदि।
भारत में समय सालभर समान रहता है — यानी IST (Indian Standard Time)।
क्यों होता है विवाद?
कई लोग और विशेषज्ञ DST को “पुरानी परंपरा” मानते हैं। उनका कहना है कि आज के समय में बिजली बचत उतनी बड़ी बात नहीं रही, बल्कि बार-बार घड़ी बदलने से लोगों की नींद, मानसिक स्वास्थ्य और दिनचर्या प्रभावित होती है।
कुछ अमेरिकी राज्यों ने तो DST को खत्म करने के प्रस्ताव भी दिए हैं, लेकिन अभी तक यह पूरी तरह लागू नहीं हुआ है।
आम जीवन पर असर
- लोगों की नींद और बायोलॉजिकल क्लॉक में गड़बड़ी होती है।
- कुछ दिनों तक थकान और तनाव बढ़ जाता है।
- लेकिन शाम को अधिक देर तक रोशनी रहने से आउटडोर एक्टिविटी और परिवार के साथ समय बिताना आसान हो जाता है।
निष्कर्ष
कनाडा और अमेरिका में जब आप रात 2 बजे के बाद फिर से 2 बजे ही देखेंगे, तो समझ लीजिए कि सर्दी आ गई है और Daylight Saving Time समाप्त हो गया है।
यह परंपरा आज भी कई देशों में जारी है — कभी ऊर्जा बचत के लिए, तो कभी सिर्फ आदत के कारण।
















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