गंभीर और सूर्यकुमार पर गावस्कर का निशाना—फाइनल में सिर्फ गंभीर क्रिकेट चाहिए

गंभीर और सूर्यकुमार पर गावस्कर का निशाना—फाइनल में सिर्फ गंभीर क्रिकेट चाहिए

एशिया कप 2025 का फाइनल करीब है और टीम इंडिया की तैयारियों को लेकर चर्चाएँ तेज हो गई हैं। इसी बीच टीम इंडिया के दिग्गज पूर्व कप्तान और कमेंटेटर सुनील गावस्कर ने टीम मैनेजमेंट और खिलाड़ियों को एक खास चेतावनी दी है। उनका साफ कहना है कि क्रिकेट में “मस्ती और मज़ाक” की कोई जगह नहीं है, खासकर जब बात किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल की हो।

गावस्कर का सख्त संदेश

सुनील गावस्कर ने स्पष्ट कहा कि एशिया कप फाइनल जैसे अहम मुकाबले में बल्लेबाजी ऑर्डर से छेड़छाड़ या एक्सपेरिमेंट टीम को भारी पड़ सकता है।

  • उन्होंने गौतम गंभीर (मेंटॉर) और सूर्यकुमार यादव (T20 के स्पेशलिस्ट बल्लेबाज़) को सीधे तौर पर संबोधित करते हुए कहा कि क्रिकेट को गंभीरता से लेना चाहिए।
  • गावस्कर का मानना है कि रणनीतिक फैसले सोच-समझकर लिए जाने चाहिए, क्योंकि एक छोटी गलती फाइनल जैसे बड़े मैच में टीम इंडिया के खिताबी सपने को तोड़ सकती है।

बल्लेबाजी ऑर्डर को लेकर विवाद

हाल के मैचों में टीम इंडिया ने कुछ मौकों पर बल्लेबाजी क्रम में बदलाव किए थे।

  • सूर्यकुमार यादव को ऊपर भेजने और कुछ सीनियर खिलाड़ियों को नीचे खिसकाने जैसे फैसलों ने फैन्स और एक्सपर्ट्स के बीच सवाल खड़े कर दिए।
  • गावस्कर का कहना है कि इस तरह के बदलाव “मज़ाक या मस्ती” में नहीं बल्कि मजबूत क्रिकेटिंग लॉजिक के आधार पर होने चाहिए।

गौतम गंभीर की भूमिका पर सवाल

गंभीर, जो टीम इंडिया के मेंटॉर हैं, उनकी रणनीति कई बार चर्चा में रही है।

  • कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि गंभीर टीम में अग्रेसिव माइंडसेट लाते हैं।
  • वहीं, गावस्कर जैसे अनुभवी खिलाड़ी यह मानते हैं कि आक्रामक रणनीति सही है, लेकिन फाइनल जैसे मौके पर “अनावश्यक प्रयोग” खतरनाक साबित हो सकता है।

सूर्या पर क्यों उठे सवाल?

सूर्यकुमार यादव अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए मशहूर हैं, लेकिन उन पर आरोप है कि कभी-कभी वह हल्के मूड में बल्लेबाजी करते हैं।

  • गावस्कर का इशारा भी इसी ओर था कि सूर्या को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
  • बड़े मैचों में टीम के लिए टिककर खेलना और मैच को फिनिश करना ज़्यादा अहम है।

टीम इंडिया पर दबाव

फाइनल से पहले टीम इंडिया पर भारी दबाव है।

  1. पाकिस्तान और श्रीलंका जैसी टीमें चुनौती पेश कर रही हैं।
  2. भारतीय फैन्स की उम्मीदें आसमान पर हैं।
  3. हर खिलाड़ी को अपनी भूमिका समझकर खेलना होगा।

गावस्कर की बात का महत्व

गावस्कर भारतीय क्रिकेट के सबसे सम्मानित नामों में से एक हैं।

  • उनकी राय को खिलाड़ी और मैनेजमेंट दोनों गंभीरता से लेते हैं।
  • फाइनल से पहले उनकी चेतावनी एक तरह से “रिमाइंडर” है कि यह सिर्फ खेल नहीं बल्कि देश की प्रतिष्ठा का सवाल है।

निष्कर्ष

सुनील गावस्कर ने साफ कर दिया है कि एशिया कप फाइनल मज़ाक या प्रयोग का मंच नहीं है। उनका संदेश गौतम गंभीर और सूर्यकुमार यादव दोनों के लिए सीधा और सख्त है—“क्रिकेट से मस्ती नहीं… पूरी गंभीरता से खेलना होगा।”
अब देखना होगा कि टीम इंडिया इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेती है और फाइनल में कैसा प्रदर्शन करती है।

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