एशिया में हथियारों की दौड़ लगातार तेज हो रही है। अब चीन ने ऐसा कदम उठाया है जिससे अमेरिका और उसके सहयोगियों में हड़कंप मच गया है। चीन ने दावा किया है कि उसने अपने 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान J-20A ‘माइटी ड्रैगन’ को पूरी तरह ऑपरेशनल बना लिया है।
इस विमान को खासतौर पर अमेरिकी F-35 लाइटनिंग II को टक्कर देने के लिए विकसित किया गया है। यही वजह है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन और अमेरिकी रक्षा मंत्रालय अब इस नई तकनीक पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
J-20A ‘Mighty Dragon’ – चीन की नई ताकत
J-20A चीन का अब तक का सबसे एडवांस्ड स्टील्थ फाइटर जेट है, जिसे चेंगदू एयरोस्पेस कॉर्पोरेशन ने विकसित किया है। यह विमान चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) में अब बड़ी संख्या में शामिल किया जा रहा है।
चीन ने दावा किया है कि इस जेट की स्पीड, रडार क्षमता, स्टील्थ टेक्नोलॉजी और रेंज — सभी पैरामीटर्स अब F-35 और F-22 रैप्टर जैसे अमेरिकी विमानों की बराबरी करते हैं।
विशेषताएं:
- इंजन: WS-15 आफ्टरबर्निंग टर्बोफैन इंजन (घरेलू निर्मित)
- स्पीड: करीब 2,100 किमी/घंटा (Mach 2+)
- रेंज: लगभग 1,700 किमी
- स्टील्थ डिजाइन: रडार से लगभग अदृश्य
- आर्मामेंट: एयर-टू-एयर मिसाइल PL-15 और PL-10
चीन का दावा: F-35 से बेहतर स्टील्थ और कंट्रोल
चीन का कहना है कि J-20A में जो नया WS-15 इंजन लगाया गया है, वह उसे सुपर क्रूज़ क्षमता देता है, यानी विमान बिना आफ्टरबर्नर के भी सुपरसोनिक स्पीड पर उड़ सकता है।
यह फीचर अब तक सिर्फ अमेरिकी F-22 रैप्टर के पास था।
चीनी मीडिया ने इसे “एशिया का गेम चेंजर फाइटर” कहा है।
उनका दावा है कि J-20A की स्टील्थ क्षमता F-35 से ज्यादा है, क्योंकि इसमें नए रडार-शोषक मैटेरियल और लो-ऑब्ज़र्वेबिलिटी एंगल डिज़ाइन का इस्तेमाल किया गया है।
अमेरिका की बढ़ी चिंता
अमेरिका ने अब तक दुनिया के सबसे एडवांस्ड स्टील्थ जेट — F-35 लाइटनिंग II — को अपनी सबसे बड़ी एयरोस्पेस उपलब्धि माना है।
लेकिन J-20A के अपग्रेडेड संस्करण ने पेंटागन की चिंताओं को बढ़ा दिया है।
अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन ने अब सैन्य तकनीक में “कॉपी” से आगे बढ़कर “क्रिएशन” के स्तर पर प्रवेश कर लिया है।
पेंटागन की रिपोर्ट में लिखा गया है —
“चीन अब सिर्फ पश्चिमी तकनीक की नकल नहीं कर रहा, बल्कि खुद की इनोवेशन क्षमता दिखा रहा है। J-20A इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।”
ट्रंप प्रशासन पर दबाव
डोनाल्ड ट्रंप, जो फिर से राष्ट्रपति पद की दौड़ में हैं, हमेशा ‘अमेरिका की सैन्य श्रेष्ठता’ की बात करते रहे हैं।
लेकिन चीन के इस कदम ने ट्रंप के उस दावे को चुनौती दी है।
अमेरिकी मीडिया में इस खबर के आने के बाद कहा जा रहा है कि “चीन ने ट्रंप की नींद उड़ा दी है।”
अमेरिकी चुनावों के इस दौर में, रक्षा शक्ति और अंतरराष्ट्रीय वर्चस्व जैसे मुद्दे ट्रंप के लिए बेहद अहम हैं।
अब J-20A के आने से यह सवाल उठने लगा है कि क्या अमेरिका का तकनीकी प्रभुत्व खतरे में है?
F-35 बनाम J-20A – कौन है ज्यादा शक्तिशाली?
| तुलना का पहलू | F-35 लाइटनिंग II (USA) | J-20A माइटी ड्रैगन (China) |
|---|---|---|
| जनरेशन | 5वीं पीढ़ी | 5वीं पीढ़ी |
| इंजन | Pratt & Whitney F135 | WS-15 (चीनी) |
| सुपर क्रूज़ क्षमता | सीमित | हाँ (नया इंजन) |
| स्टील्थ स्तर | बहुत उच्च | उच्च (नई तकनीक से लैस) |
| मैक्स स्पीड | Mach 1.6 | Mach 2.0+ |
| रेंज | 1,200 किमी | 1,700 किमी |
| निर्माण लागत | लगभग $80 मिलियन | लगभग $55 मिलियन (अनुमानित) |
हालांकि, अमेरिकी विशेषज्ञ मानते हैं कि J-20A का वास्तविक प्रदर्शन अभी भी रहस्य है, क्योंकि चीन ने इसकी पूरी जानकारी सार्वजनिक नहीं की है।
J-20A का सामरिक महत्व
J-20A का मकसद सिर्फ तकनीकी प्रतिस्पर्धा नहीं है, बल्कि यह चीन की एशिया-पैसिफिक रणनीति का हिस्सा है।
इस विमान की तैनाती से चीन अब आसानी से ताइवान स्ट्रेट, दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर तक अपनी सैन्य उपस्थिति दर्ज करा सकता है।
रक्षा विश्लेषक कहते हैं —
“यह विमान अमेरिका और उसके सहयोगी देशों (जैसे जापान, दक्षिण कोरिया और भारत) के लिए सीधा संदेश है कि चीन अब हवाई ताकत में बराबरी कर चुका है।”
भारत पर क्या असर पड़ेगा?
भारत के लिए भी यह खबर महत्वपूर्ण है।
चीन की एयर पावर में यह वृद्धि सीधे तौर पर लद्दाख और अरुणाचल बॉर्डर पर सामरिक संतुलन को प्रभावित कर सकती है।
हालांकि भारत के पास भी राफेल जेट्स और तेजस Mk-1A जैसे आधुनिक विमान हैं, लेकिन J-20A जैसी 5वीं पीढ़ी की तकनीक अब तक हमारे पास नहीं है।
भारत फ्रांस और रूस के साथ मिलकर 5th Generation Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA) पर काम कर रहा है, लेकिन इसे पूरी तरह ऑपरेशनल होने में अभी कुछ साल लगेंगे।
पश्चिमी देशों में हलचल
J-20A के अपग्रेडेड वर्जन के सामने आने के बाद जापान, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने भी अपनी एयरोस्पेस योजनाओं को तेज किया है।
ब्रिटेन और जापान मिलकर “टेम्पेस्ट” प्रोग्राम पर काम कर रहे हैं, जो F-35 का उत्तराधिकारी होगा।
यह दिखाता है कि अब वैश्विक एयर पावर बैलेंस तेजी से बदल रहा है।
J-20A ( Mighty Dragon )की संभावित कमजोरियां
भले ही चीन इसे “F-35 किलर” कह रहा हो, लेकिन कुछ विशेषज्ञ इसकी सीमाओं की ओर इशारा करते हैं:
- WS-15 इंजन की लॉन्ग-टर्म विश्वसनीयता अभी परखी नहीं गई।
- स्टील्थ कोटिंग की टिकाऊपन पर सवाल हैं।
- इसका एवियोनिक्स सिस्टम F-35 जितना स्मार्ट नहीं माना जाता।
फिर भी, चीन ने पिछले पांच सालों में जो प्रगति की है, वह अभूतपूर्व कही जा सकती है।
निष्कर्ष
चीन का J-20A ‘Mighty Dragon’ अब केवल तकनीकी परियोजना नहीं, बल्कि भू-राजनीतिक संदेश है।
यह विमान यह साबित करता है कि चीन अब अमेरिका की सैन्य तकनीक को न केवल चुनौती दे सकता है, बल्कि कुछ क्षेत्रों में उससे आगे भी निकल सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी रक्षा प्रतिष्ठान के लिए यह विकास निश्चित रूप से नींद उड़ाने वाला है — क्योंकि यह संकेत देता है कि आने वाले वर्षों में एशिया आकाश में शक्ति संतुलन पूरी तरह बदल सकता है।
















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