ऑपरेशन सिंदूर के बाद जैश-ए-मोहम्मद दबाव में! महिलाओं की भर्ती शुरू, मसूद अजहर की बहन को मिली अहम जिम्मेदारी

ऑपरेशन सिंदूर के बाद जैश-ए-मोहम्मद दबाव में! महिलाओं की भर्ती शुरू, मसूद अजहर की बहन को मिली अहम जिम्मेदारी

भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन के दौरान भारत ने सीमा पार आतंकियों के ठिकानों और ट्रेनिंग कैंप्स को निशाना बनाया, जिससे जैश की रणनीति पूरी तरह चौपट हो गई।

इसके बाद संगठन ने अपनी रणनीति बदलते हुए महिलाओं की भर्ती शुरू कर दी है। साथ ही मसूद अजहर की बहन को संगठन में नई और अहम जिम्मेदारी सौंपने का फैसला लिया गया है।

ऑपरेशन सिंदूर का जैश पर असर

Operation Sindoor के तहत भारतीय सेना ने आतंकवाद के खिलाफ सटीक और रणनीतिक हमले किए थे।
इससे जैश-ए-मोहम्मद के कई शीर्ष कमांडर और प्रशिक्षण केंद्र प्रभावित हुए।
संगठन के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस ऑपरेशन ने जैश की मनोवैज्ञानिक और संगठनात्मक क्षमता पर बड़ा झटका दिया है।

विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे हमले आतंकियों को अपने पुराने तरीकों और नेतृत्व पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करते हैं।

महिलाओं की भर्ती की रणनीति

जैश-ए-मोहम्मद अब अपने नेटवर्क में महिलाओं को शामिल करने की कोशिश कर रहा है।
संगठन के बयान में कहा गया है कि महिलाएं न केवल सामरिक भूमिका निभाएंगी, बल्कि प्रचार और फंडिंग नेटवर्क में भी अहम योगदान देंगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम जैश की नई रणनीति का हिस्सा है, ताकि वे भारत और अन्य देशों के खिलाफ अपने अभियान को जारी रख सकें।

मसूद अजहर की बहन को मिली बड़ी जिम्मेदारी

सूत्रों के मुताबिक, मसूद अजहर की बहन को संगठन में एक रणनीतिक और नेतृत्व वाली जिम्मेदारी दी गई है।
इसका उद्देश्य यह है कि संगठन की नौजवान पीढ़ी और महिला सदस्य दोनों को प्रशिक्षित और सक्रिय रखा जा सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम जैश के लिए एक नई दिशा और संगठनात्मक मजबूती का संकेत है।

भारत की सतर्कता बढ़ी

भारत ने जैश की नई रणनीति को गंभीरता से लिया है।
सुरक्षा एजेंसियों ने सीमा क्षेत्रों और संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा और निगरानी बढ़ा दी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को सुरक्षा, खुफिया और सैन्य उपायों को और सुदृढ़ करने की जरूरत है, ताकि जैश-ए-मोहम्मद के किसी भी नए हमला की संभावना कम की जा सके।

विश्लेषण: नई रणनीति कितनी खतरनाक?

  1. महिला भर्ती: इससे जैश-ए-मोहम्मद की आंतरिक संरचना और प्रचार मशीन मजबूत हो सकती है।
  2. नए नेतृत्व: मसूद अजहर की बहन की नियुक्ति संगठन में नई ऊर्जा ला सकती है।
  3. सामरिक बदलाव: ऑपरेशन सिंदूर के बाद संगठन को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी, जिससे वे अचानक हमलों और घातक मिशनों की योजना बना सकते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को इस बदलाव को पूर्व सूचना और निगरानी के माध्यम से ट्रैक करना होगा।

निष्कर्ष

ऑपरेशन सिंदूर ने जैश-ए-मोहम्मद को झकझोर दिया है, लेकिन संगठन पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है।
महिलाओं की भर्ती और मसूद अजहर की बहन को दी गई जिम्मेदारी इस बात का संकेत है कि जैश अब नई रणनीति और नेतृत्व के साथ वापसी की तैयारी कर रहा है।

यह भी पढ़ें : Tata Capital IPO Allotment: शेयर मिला या नहीं? ऐसे करें Tata Capital के IPO अलॉटमेंट स्टेटस की जांच

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *