संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तीखी नोकझोंक देखने को मिली। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अपने संबोधन में आतंकवाद और सीमा पार से हो रही गतिविधियों पर पाकिस्तान को घेरा। उन्होंने साफ कहा कि दुनिया अब उन देशों को बर्दाश्त नहीं करेगी जो आतंकवाद को शह देते हैं और फिर खुद को पीड़ित बताते हैं।
जयशंकर के बयान के तुरंत बाद पाकिस्तान की प्रतिनिधि ने जवाब देने की कोशिश की, लेकिन इस जवाब ने उल्टा पाकिस्तान की ही पोल खोल दी।
क्या कहा था जयशंकर ने?
- भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद अब किसी भी देश की आंतरिक समस्या नहीं रह गया है, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए खतरा है।
- उन्होंने परोक्ष रूप से पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ देश आतंकवाद को विदेश नीति का हिस्सा मानते हैं।
- जयशंकर ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद को “अच्छा” या “बुरा” कहकर नहीं बांटा जा सकता। यह हर रूप में घातक है और इसे खत्म करना ही होगा।
पाकिस्तान का जवाब और फजीहत
पाकिस्तान की प्रतिनिधि ने भारत के आरोपों से बचाव करने की कोशिश में कश्मीर मुद्दे को उठाया। लेकिन जैसे ही उसने भारत पर आतंकवाद के आरोप लगाए, संयुक्त राष्ट्र के कई सदस्य देशों के डेलीगेट्स ने पाकिस्तान की दलीलों को गंभीरता से नहीं लिया।
इसके बाद अमेरिका, फ्रांस और यूरोपियन यूनियन के कई प्रतिनिधियों ने साफ कहा कि पाकिस्तान को पहले अपने देश में पल रहे आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
कैसे खुली पाकिस्तान की पोल?
- पाकिस्तान की ओर से कही गई दलीलें उसी वक्त कमजोर पड़ गईं जब कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स और डेटा पेश किए गए।
- संयुक्त राष्ट्र की ही पिछली रिपोर्टों में पाकिस्तान की धरती पर सक्रिय आतंकी संगठनों का जिक्र है।
- पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से हाल ही में बाहर आया है, लेकिन उस पर अभी भी टेरर फंडिंग को लेकर सवाल बने हुए हैं।
भारत का कड़ा रुख
भारत ने जवाबी बयान में कहा कि पाकिस्तान की आदत बन चुकी है कि जब भी दुनिया उसके आतंकी नेटवर्क पर सवाल उठाती है, वह कश्मीर का नाम लेकर मुद्दे को भटकाने की कोशिश करता है।
भारत ने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि पाकिस्तान ‘डिनायल मोड’ से बाहर निकले और ठोस कार्रवाई करे।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय का रुख
- अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के बयान का समर्थन किया।
- फ्रांस और ब्रिटेन ने भी पाकिस्तान को अप्रत्यक्ष रूप से चेताया कि आतंकवाद के मामले में अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
- यूएन की बहस में पाकिस्तान के जवाब को बेहद कमजोर और आत्मघाती माना गया।
निष्कर्ष
जयशंकर के सटीक और तथ्यात्मक बयान ने पाकिस्तान की पोल अंतरराष्ट्रीय मंच पर खोल दी। पाकिस्तान ने जब बचाव करने की कोशिश की, तो उल्टा वह खुद ‘टेरर स्टेट’ की छवि में घिर गया।
यह साफ हो गया है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर अब पाकिस्तान की आतंकवाद पर ली जाने वाली दलीलों को गंभीरता से नहीं लिया जाता।
ये भी पढ़ें: IND vs PAK Final Live Streaming: भारत-पाक पहली बार फाइनल में आमने-सामने
















Leave a Reply