Bihar Election के लिए जदयू ने जारी की 44 कैंडिडेट्स की लिस्ट, इन सीटों पर उतारे मुस्लिम उम्मीदवार

Bihar Election 2025: JDU ने खोले पत्ते, कई सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में

Bihar Election 2025 के लिए जेडीयू (JDU) ने आखिरकार अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर दी है। इस सूची में 44 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई है, जिनमें कई मुस्लिम उम्मीदवारों को भी टिकट दिया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी ने इस बार जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए लिस्ट तैयार की है।

इस लिस्ट में जेडीयू ने पुराने चेहरों के साथ-साथ कई नए नेताओं को भी मौका दिया है। वहीं पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया है कि शेष सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा आगामी चरणों में भाजपा और अन्य सहयोगी दलों के साथ तालमेल के बाद की जाएगी।

कुल 44 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जदयू ने अपनी पहली लिस्ट में 44 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार तय किए हैं।
इनमें से 10 से अधिक सीटें मुसलमान बहुल इलाकों से हैं, जहां पार्टी ने मुस्लिम चेहरों को मैदान में उतारा है।

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा,

“मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का लक्ष्य सभी वर्गों को समान प्रतिनिधित्व देना है। हमारी कोशिश रही है कि समाज के हर तबके को इस चुनाव में शामिल किया जाए।”

इन सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को मिला टिकट

जदयू ने जिन मुस्लिम नेताओं को टिकट दिया है, उनमें कुछ नाम बेहद अहम हैं —

  1. शकील अहमद खान – किशनगंज विधानसभा सीट
  2. परवेज आलम – अररिया सीट
  3. रुबिना खातून – जोकीहाट सीट
  4. मुर्तुजा अंसारी – सिवान सीट
  5. साबिर हुसैन – दरभंगा ग्रामीण सीट

इन सीटों पर मुस्लिम आबादी 35-60 प्रतिशत तक है और जदयू ने यहां RJD और AIMIM के प्रभाव को तोड़ने के लिए यह रणनीति अपनाई है।

जातीय समीकरणों को साधने की कोशिश

जदयू ने अपनी सूची में अति पिछड़ा वर्ग (EBC), दलित, महिला और युवा उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी है।
पार्टी ने इस बार लगभग:

  • 9 उम्मीदवार अति पिछड़ा वर्ग से
  • 6 उम्मीदवार अनुसूचित जाति से
  • 5 मुस्लिम समुदाय से
  • 7 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है।

इससे साफ है कि पार्टी ने “सामाजिक न्याय प्लस विकास” के फॉर्मूले पर काम किया है।

वरिष्ठ नेताओं को भी मिला मौका

जदयू ने अपनी लिस्ट में कई वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं पर भरोसा जताया है।

  • विजय चौधरी को हिलसा से फिर मौका मिला है।
  • शैलेश कुमार को जमालपुर से टिकट मिला है।
  • संजय झा को दरभंगा शहरी सीट से उतारा गया है।

वहीं, दो मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया गया है —
गया टाउन के प्रेम कुमार और बेगूसराय के राघवेंद्र सिंह को इस बार मौका नहीं मिला।

महिलाओं को मिला बड़ा प्रतिनिधित्व

नीतीश कुमार ने हमेशा महिलाओं को राजनीतिक प्रतिनिधित्व देने की बात कही है।
इस बार की लिस्ट में 7 महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया गया है, जिनमें उल्लेखनीय नाम हैं —

  • अंजलि देवी – भागलपुर सीट
  • पूनम कुमारी – समस्तीपुर सीट
  • काजल यादव – जहानाबाद सीट

जदयू का कहना है कि महिलाएं “सशक्त बिहार” की अहम कड़ी हैं और उन्हें समान अवसर मिलना चाहिए।

नीतीश कुमार का बयान – “समाज के हर तबके की भागीदारी जरूरी”

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लिस्ट जारी होने के बाद कहा —

“जदयू ने हमेशा विकास के साथ समावेशी राजनीति की है। बिहार के हर वर्ग, हर जाति और हर धर्म को साथ लेकर चलना हमारी पहचान है। हमें भरोसा है कि जनता एक बार फिर विकास और स्थिरता को चुनेगी।”

उन्होंने यह भी कहा कि जदयू की बाकी लिस्टें भाजपा के साथ सीट शेयरिंग के बाद जारी की जाएंगी।

RJD और कांग्रेस पर जदयू का निशाना

उपेंद्र कुशवाहा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्षी पार्टियों पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा,

“RJD और कांग्रेस समाज को बांटने की राजनीति करती हैं। हम सबको साथ लेकर चलने में यकीन रखते हैं। बिहार की जनता अब जातीय नारों से आगे बढ़ चुकी है।”

जदयू की रणनीति – सीमांचल और मिथिलांचल पर फोकस

जदयू की इस लिस्ट से यह साफ है कि पार्टी ने सीमांचल (अररिया, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया) और मिथिलांचल (दरभंगा, मधुबनी) क्षेत्रों पर फोकस किया है।
यह वही इलाके हैं जहां पिछले चुनाव में RJD और AIMIM को बढ़त मिली थी।

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, जदयू का यह कदम AIMIM के मुस्लिम वोट बैंक को तोड़ने और RJD की पारंपरिक पकड़ को कमजोर करने की रणनीति का हिस्सा है।

सीट शेयरिंग और बाकी लिस्ट का इंतजार

जदयू ने साफ किया है कि यह सिर्फ पहली लिस्ट है।
पार्टी अभी भाजपा और अन्य NDA सहयोगियों के साथ सीट शेयरिंग फाइनल कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, जदयू लगभग 90-95 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

बाकी उम्मीदवारों की लिस्ट अगले सप्ताह जारी की जाएगी।

राजनीतिक विशेषज्ञों का विश्लेषण

राजनीतिक विश्लेषक प्रो. अरविंद झा का कहना है —

“जदयू ने इस लिस्ट के जरिए यह संदेश दिया है कि वह न सिर्फ NDA में मजबूत भागीदार है, बल्कि बिहार के मुस्लिम मतदाताओं को भी साधने की कोशिश कर रही है। यह रणनीति सीमांचल में भाजपा की कमजोर पकड़ को संतुलित करने में मदद कर सकती है।”

निष्कर्ष: नीतीश की नई लिस्ट से बढ़ी सियासी हलचल

जदयू की पहली लिस्ट ने बिहार के सियासी माहौल में हलचल मचा दी है।
जहां पार्टी ने मुस्लिम उम्मीदवारों और महिलाओं को प्रतिनिधित्व देकर सामाजिक संतुलन साधने की कोशिश की है, वहीं इस लिस्ट ने NDA के अंदर भी समीकरणों को नया मोड़ दिया है।

अब सबकी निगाहें जदयू की अगली सूची और भाजपा के प्रत्याशियों पर टिकी हैं।
बिहार में राजनीतिक पारा चढ़ चुका है और चुनावी जंग अब और दिलचस्प होती जा रही है।

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