बरेली हिंसा : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में हाल ही में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। बरेली पुलिस और एसटीएफ ने संयुक्त अभियान में हिंसा के दो मुख्य आरोपियों — इदरीस और इकबाल — का एनकाउंटर कर दिया। दोनों आरोपी शाहजहांपुर से बरेली आए थे और हिंसा भड़काने में इनकी सक्रिय भूमिका सामने आई थी।
कैसे हुआ एनकाउंटर?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एनकाउंटर बरेली के फतेहगंज इलाके में हुआ।
- पुलिस को सूचना मिली थी कि हिंसा में शामिल इदरीस और इकबाल शहर से भागने की फिराक में हैं।
- देर रात पुलिस ने घेराबंदी की और उन्हें रोकने की कोशिश की।
- जवाबी फायरिंग में दोनों आरोपियों को गोली लगी और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
पुलिस ने बताया कि मौके से देशी तमंचा, कारतूस और पेट्रोल बम भी बरामद किए गए हैं।
बरेली हिंसा का मामला
कुछ दिन पहले बरेली में धार्मिक जुलूस के दौरान दो गुटों में विवाद हो गया था।
- विवाद बढ़ते-बढ़ते हिंसक झड़प में बदल गया।
- पत्थरबाजी, आगजनी और गोलीबारी की घटनाएं हुईं।
- इस बवाल में कई लोग घायल हुए थे और पुलिसकर्मी भी चोटिल हुए।
पुलिस की जांच में पता चला कि इदरीस और इकबाल ने ही बाहर से लोगों को बुलाकर माहौल बिगाड़ा था।
पुलिस की कार्रवाई
हिंसा के बाद से ही पुलिस ने दर्जनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
- दोनों आरोपी लंबे समय से फरार थे।
- पुलिस ने उन पर इनाम भी घोषित किया था।
- एनकाउंटर के बाद पुलिस अधिकारियों ने इसे बड़ी सफलता बताया है।
एसएसपी बरेली ने कहा कि “हिंसा फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। प्रदेश में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।”
शाहजहांपुर कनेक्शन
जांच में सामने आया कि इदरीस और इकबाल मूल रूप से शाहजहांपुर के रहने वाले थे।
- दोनों कई आपराधिक मामलों में पहले भी जेल जा चुके थे।
- इनके तार संगठित अपराध और असामाजिक तत्वों से जुड़े होने की भी आशंका जताई जा रही है।
पुलिस अब इनके संपर्कों की भी जांच कर रही है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
घटना के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है।
- विपक्ष ने सवाल उठाया कि पुलिस ने आरोपियों को जिंदा पकड़ने की बजाय एनकाउंटर का रास्ता क्यों चुना।
- वहीं सत्ताधारी दल के नेताओं ने पुलिस की कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि अपराधियों के लिए जगह सिर्फ जेल या कब्र है।
निष्कर्ष
बरेली हिंसा के आरोपियों का एनकाउंटर पुलिस के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है।
इदरीस और इकबाल जैसे आरोपियों की गिरफ्तारी लंबे समय से चुनौती बनी हुई थी, लेकिन एनकाउंटर ने इस मामले को नई दिशा दे दी है।
अब देखना होगा कि पुलिस की आगे की जांच से और कौन से चेहरे बेनकाब होते हैं।
















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