नीतीश ने दिखाए तेवर, BJP नेता सम्राट चौधरी को किया नजरअंदाज

नीतीश ने दिखाए तेवर, BJP नेता सम्राट चौधरी को किया नजरअंदाज

पटना: बिहार की राजनीति एक बार फिर उस मोड़ पर पहुँच गई है. जहाँ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रिश्ते सुर्खियों में हैं. बीते दिन आयोजित एक बड़े राजनीतिक कार्यक्रम में वह वाकया हुआ जिसने पूरे राज्य की सियासत को गरमा दिया. मंच पर मौजूद BJP प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी बार-बार नीतीश कुमार की ओर देखते रह गए, लेकिन मुख्यमंत्री ने एक बार फिर अपने पुराने अंदाज में “आंख दिखाकर” यह साफ कर दिया कि बिहार की राजनीति में उनकी पकड़ और अलग पहचान अब भी बरकरार है।

यह घटना सिर्फ मंच पर हुई एक सामान्य झलक भर नहीं थी, बल्कि इसके पीछे गहरी राजनीतिक कहानी छुपी हुई है। आइए इस पूरे घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं और देखते हैं कि यह मामला कैसे बिहार की सियासत को हिला रहा है।

1. मंच पर घटी पूरी कहानी

कार्यक्रम का आयोजन पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में किया गया था।. मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और अन्य बड़े नेता मौजूद थे.

  • जब नीतीश कुमार मंच पर आए, तो समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया।
  • इस बीच सम्राट चौधरी बार-बार उनकी ओर मुस्कुराकर देख रहे थे, मानो सहयोग और सामंजस्य का संदेश देना चाहते हों।
  • लेकिन नीतीश कुमार ने एक बार भी उनकी ओर ठीक से नजर नहीं मिलाई।
  • एक मौके पर जब सम्राट चौधरी खड़े होकर तालियां बजाने लगे, तो नीतीश ने तिरछी निगाहों से उन्हें देखा और तुरंत नजरें फेर लीं।

यही दृश्य कैमरों में कैद हो गया और अब सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक चर्चा का विषय बन गया है।

2. नीतीश कुमार का यह रुख क्यों अहम है?

नीतीश कुमार को राजनीति में “पलटी मारने वाले नेता” कहा जाता है। पिछले डेढ़ दशक में उन्होंने कई बार पाला बदला है – कभी BJP के साथ, तो कभी RJD और कांग्रेस के साथ।

  • 2022 में उन्होंने महागठबंधन का दामन थामा और RJD के साथ सरकार बनाई।
  • 2024 आते-आते उन्होंने फिर से BJP के साथ गठबंधन कर लिया।

अब जबकि वह फिर से NDA का हिस्सा हैं, उनके इस बदले हुए व्यवहार ने BJP को असहज कर दिया है। मंच पर सम्राट चौधरी की ओर उनकी बेरुखी से साफ लगता है कि नीतीश अभी भी खुद को गठबंधन में “वरिष्ठ और निर्णायक चेहरा” मानते हैं।

3. सम्राट चौधरी की असहज स्थिति

सम्राट चौधरी, जो BJP के प्रदेश अध्यक्ष हैं, मंच पर बिल्कुल असहज दिखे।

  • उन्होंने कई बार मुख्यमंत्री की ओर देखकर संवाद स्थापित करने की कोशिश की।
  • लेकिन उन्हें केवल नीतीश कुमार की “आंख दिखाने वाली” नजरें ही मिलीं।
  • राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इससे BJP कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर पड़ सकता है।

सोशल मीडिया पर इस घटना के वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने तरह-तरह की टिप्पणियाँ करनी शुरू कर दीं। कई यूज़र्स ने लिखा – “सम्राट चौधरी ताकते रह गए, नीतीश कुमार दिखा गए दम”

4. BJP-नीतीश संबंधों का अतीत

नीतीश कुमार और BJP का रिश्ता हमेशा से उतार-चढ़ाव से भरा रहा है।

  • 2005-2013: NDA सरकार में नीतीश और BJP ने मिलकर बिहार की राजनीति पर कब्जा किया।
  • 2013: नरेंद्र मोदी को PM उम्मीदवार बनाए जाने के बाद नीतीश ने BJP से नाता तोड़ लिया।
  • 2017: नीतीश फिर से BJP के साथ आ गए और महागठबंधन छोड़ दिया।
  • 2022: उन्होंने BJP को छोड़कर RJD और कांग्रेस का साथ पकड़ा।
  • 2024: एक बार फिर NDA में वापसी की और मुख्यमंत्री बने रहे।

इस पृष्ठभूमि में मंच पर घटी यह घटना नीतीश कुमार के असली इरादों को लेकर नए सवाल खड़े करती है।

5. राजनीतिक संदेश क्या है?

नीतीश कुमार के इस रवैये को कई राजनीतिक संकेतों से जोड़कर देखा जा रहा है।

  1. BJP को संदेश: नीतीश अभी भी गठबंधन में जूनियर पार्टनर नहीं, बल्कि बराबरी या उससे ऊपर की भूमिका चाहते हैं।
  2. RJD को संकेत: भले ही नीतीश BJP के साथ हैं, लेकिन उनकी नज़र अब भी “अन्य विकल्पों” पर टिकी है।
  3. जनता को इमेज: नीतीश यह दिखाना चाहते हैं कि वह किसी भी पार्टी के मोहताज नहीं, बल्कि खुद एक “सत्ता केंद्र” हैं।

6. बिहार की राजनीति पर असर

बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में मंच पर घटी इस घटना का असर बड़ा हो सकता है.

  • BJP चाहती है कि नीतीश NDA का चेहरा बने रहें ताकि सत्ता में वापसी आसान हो।
  • लेकिन नीतीश के इस रवैये ने BJP नेताओं की चिंता बढ़ा दी है।
  • कार्यकर्ताओं के बीच यह सवाल उठने लगा है कि कहीं चुनाव के बाद नीतीश फिर से पाला न बदल लें।

7. विपक्ष की प्रतिक्रिया

विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर BJP और नीतीश पर तंज कसे।

  • RJD ने कहा – “नीतीश कुमार जानते हैं कि BJP उनका सम्मान नहीं करती, इसलिए वह मंच पर ही संदेश दे रहे हैं.
  • कांग्रेस ने लिखा – “नीतीश कुमार की राजनीति भरोसे से नहीं, पलटी से चलती है। BJP को देर-सबेर समझ आ जाएगा।”

8. जनता का मूड

सोशल मीडिया पर इस घटना के वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही हैं।

  • युवाओं ने मीम्स बनाकर नीतीश को “बॉस ऑफ द स्टेज” बताया।
  • वहीं कुछ लोगों ने कहा कि यह सब सियासी ड्रामा है और चुनाव के समय जनता को गुमराह करने का तरीका है।

9. सम्राट चौधरी के लिए चुनौती

BJP ने सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर यह संदेश दिया था कि पार्टी अब नई नेतृत्व टीम के साथ आगे बढ़ेगी। लेकिन नीतीश कुमार का यह रवैया उनकी राजनीतिक साख को कमजोर करता दिख रहा है।

  • उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने अपनी पकड़ और नेतृत्व क्षमता साबित करनी होगी।
  • अन्यथा BJP के भीतर यह चर्चा तेज हो सकती है कि क्या नीतीश को लेकर चलना सही है।

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10. निष्कर्ष

बिहार की राजनीति में मंच पर घटी यह छोटी-सी घटना बड़े राजनीतिक संकेत देती है।

  • नीतीश कुमार ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह “किंगमेकर नहीं, खुद किंग” बनने में विश्वास रखते हैं।
  • BJP के लिए यह चेतावनी है कि गठबंधन में रहते हुए भी नीतीश किसी भी समय अलग राह चुन सकते हैं।
  • सम्राट चौधरी की असहजता ने यह साफ कर दिया कि BJP को अब नीतीश के साथ-साथ अपनी स्वतंत्र पहचान मजबूत करनी होगी।

आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले यह घटना बिहार की सियासत को और दिलचस्प बना रही है। अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या BJP और नीतीश मिलकर तालमेल बना पाएँगे या एक बार फिर राज्य की राजनीति में पलटी का नया अध्याय लिखा जाएगा।

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