एशिया कप 2025 के फाइनल मुकाबले में भारत से करारी हार के बाद पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी आपा खो बैठे। हार का ग़ुस्सा इतना बढ़ा कि उन्होंने मीडिया से बातचीत में विवादित बयान दे डाला। नकवी ने कहा, “अगर खेलों में भी हमें हर मोर्चे पर हराया जा रहा है, तो अब सोचना होगा कि आगे की लड़ाई कैसे लड़ी जाए। अगर युद्ध ही विकल्प है तो उस पर भी विचार करना पड़ेगा।”
उनके इस बयान ने पाकिस्तान की राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल मचा दी है।
भारत-पाकिस्तान का फाइनल और हार की पृष्ठभूमि
दुबई में खेले गए एशिया कप 2025 के फाइनल मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर ट्रॉफी अपने नाम की।
- पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 146 रन बनाए।
- जवाब में भारत ने तिलक वर्मा और शिवम दुबे की बेहतरीन पारियों के दम पर लक्ष्य हासिल कर लिया।
- यह हार पाकिस्तान के लिए न सिर्फ मैदान पर बल्कि राजनीतिक और भावनात्मक स्तर पर भी बड़ी चोट साबित हुई।
नकवी का विवादित बयान
हार के कुछ ही घंटे बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोहसिन नकवी ने कहा:
“पाकिस्तान को बार-बार भारत से पराजित होना राष्ट्रीय अपमान जैसा है। जब हमारे खिलाड़ियों के साथ ऐसा सलूक हो रहा है और हम खेल के मैदान में भी जीत नहीं पा रहे, तो हमें बड़ा फैसला लेना होगा। अगर युद्ध ही समाधान है, तो पाकिस्तान इस पर विचार करने से पीछे नहीं हटेगा।”
उनका यह बयान सामने आते ही सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा।
- भारत के खेल प्रेमियों ने इसे ‘निराशा में दिया गया बयान’ करार दिया।
- वहीं, पाकिस्तानी यूजर्स ने नकवी पर आरोप लगाया कि वे हार की जिम्मेदारी खिलाड़ियों पर डालने की बजाय युद्ध जैसी बातों से ध्यान भटकाना चाहते हैं।
पाकिस्तान की राजनीति में हलचल
नकवी के बयान के बाद पाकिस्तान की राजनीति में भी हंगामा मच गया।
- विपक्षी दलों ने नकवी की आलोचना करते हुए कहा कि एक गृह मंत्री को ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान नहीं देने चाहिए।
- कुछ नेताओं ने इसे जनता का ध्यान असली मुद्दों – जैसे महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक संकट – से हटाने की कोशिश बताया।
- सत्ताधारी पार्टी के कुछ नेताओं ने भी नकवी के बयान से दूरी बना ली और कहा कि यह उनकी निजी राय है, सरकार की आधिकारिक नीति नहीं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
नकवी के इस बयान का असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देखा गया।
- कई विदेशी मीडिया हाउस ने इसे “खेल हार के बाद दिया गया युद्ध का बयान” बताकर प्रमुखता से प्रकाशित किया।
- अंतरराष्ट्रीय खेल विशेषज्ञों ने कहा कि राजनीति और खेल को अलग रखना चाहिए, लेकिन पाकिस्तान बार-बार इसे मिलाकर विवाद खड़ा करता है।
- भारत की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया तो नहीं आई, लेकिन विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि “हम खेल को खेल की तरह देखते हैं। पाकिस्तान को भी यही सीखना चाहिए।”
विश्लेषण: हार और बयानों की राजनीति
खेल विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की क्रिकेट हार का इस्तेमाल वहां के राजनेता अक्सर जनता की भावनाओं को भड़काने के लिए करते हैं।
- एशिया कप का फाइनल सिर्फ एक खेल था, लेकिन नकवी के बयान ने इसे राष्ट्रवाद और युद्ध की बहस में बदल दिया।
- पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है। ऐसे में हार ने वहां के नेताओं को जनता के ग़ुस्से को मोड़ने का मौका दिया।
निष्कर्ष
एशिया कप 2025 में हार ने पाकिस्तान की जनता और नेताओं दोनों को झकझोर दिया है। लेकिन गृह मंत्री मोहसिन नकवी का यह बयान कि “अगर युद्ध ही विकल्प है” न केवल खतरनाक है बल्कि यह खेल की आत्मा के भी खिलाफ है।
जहां भारत ने जीत को खेल भावना के साथ मनाया, वहीं पाकिस्तान में यह हार एक राजनीतिक और भावनात्मक तूफ़ान बन गई। अब देखने वाली बात यह होगी कि पाकिस्तान की सरकार इस बयान पर क्या आधिकारिक रुख अपनाती है और क्या मोहसिन नकवी को उनके शब्दों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।
यह भी पढ़ें: यूक्रेन के कीव पर रूसी ड्रोन और मिसाइल हमले, देखें तबाही
















Leave a Reply