पैंट छोड़कर भागे पाकिस्तानी सैनिक, अफगानी लड़ाकों ने बीच चौराहे बंदूक पर टांगकर मनाया जश्न

"पैंट छोड़कर भागे पाकिस्तानी सैनिक, अफगानी लड़ाकों ने बीच चौराहे बंदूक पर टांगकर मनाया जश्न"

पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर एक बार फिर हालात बेकाबू हो गए हैं। ताजा रिपोर्टों के अनुसार, तालिबान लड़ाकों और पाकिस्तानी सेना के बीच भीषण संघर्ष हुआ है, जिसमें पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रहा है कि पाकिस्तानी सैनिक जान बचाकर भागते नजर आ रहे हैं, जबकि अफगानी लड़ाके उनके हथियार और वर्दी लहराते हुए जश्न मना रहे हैं

यह घटना कंधार के पास चमन-बोल्डक सीमा क्षेत्र की बताई जा रही है, जो लंबे समय से दोनों देशों के बीच तनाव का केंद्र रहा है। इस बार जो कुछ हुआ, उसने पाकिस्तान की सेना की “ताकत” पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सीमा पर मचा बवाल — जब अफगानी लड़ाकों ने किया पलटवार

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान सेना ने अफगान सीमा के पास स्थित कुछ गांवों पर मोर्टार दागे, जिसके जवाब में तालिबान के सीमा रक्षकों ने तीखी जवाबी कार्रवाई की।
देखते ही देखते यह झड़प भीषण गोलीबारी में बदल गई, जिसमें पाकिस्तान के कई सैनिक मारे गए या घायल हुए

स्थानीय सूत्रों ने बताया कि झड़प इतनी अचानक हुई कि पाकिस्तानी सैनिकों को भागने का भी मौका नहीं मिला। कई सैनिक अपनी वर्दी और हथियार छोड़कर भाग गए, जबकि कुछ को तालिबान लड़ाकों ने घेरकर पकड़ लिया

पैंट छोड़कर भागे सैनिक’ — सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

इस घटना के बाद जो वीडियो सामने आए हैं, वे पाकिस्तान की सेना के लिए शर्मिंदगी का सबब बन गए हैं।
कई अफगानी ट्विटर हैंडल और टेलीग्राम चैनलों पर एक वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें देखा जा सकता है कि तालिबान लड़ाके पाकिस्तानी सैनिकों की छोड़ी हुई वर्दी और जूतों को बंदूक पर टांगकर सड़कों पर जश्न मना रहे हैं।

तालिबान समर्थकों ने वीडियो के साथ लिखा —

“ये वही पाकिस्तानी हैं जो खुद को परमाणु शक्ति बताते हैं, लेकिन हमारी सीमा पर टिक नहीं पाए।”

वीडियो में कुछ अफगानी लड़ाके “अल्लाहु अकबर” के नारे लगाते हुए पाकिस्तानी सैन्य गाड़ियों के पास झंडे फहराते दिखे।

चमन-बोल्डक बार्डर क्यों है विवादित?

चमन-बोल्डक सीमा डूरंड रेखा (Durand Line) के पास स्थित है, जिसे लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच दशकों से विवाद जारी है।

  • अफगानिस्तान इसे कभी मान्यता नहीं देता, जबकि
  • पाकिस्तान इसे अपनी आधिकारिक सीमा बताता है।

तालिबान के सत्ता में आने के बाद से इस क्षेत्र में तनाव और झड़पें बढ़ी हैं
दोनों पक्ष कई बार सीमा चौकियों पर हमले कर चुके हैं, जिससे सैकड़ों सैनिक और नागरिक मारे जा चुके हैं।

पाकिस्तानी सेना की स्थिति बदतर

सूत्रों के मुताबिक, इस झड़प में पाकिस्तान की सेना को गंभीर नुकसान हुआ है।
कई सैनिक लापता बताए जा रहे हैं, जबकि दो टैंक और तीन बख्तरबंद वाहन तालिबान के कब्जे में आ गए हैं।

एक अफगान अधिकारी ने दावा किया कि —

“हमने पाकिस्तान की तीन चौकियां ध्वस्त कर दीं। कई सैनिक भाग निकले। जो रुके, वे मारे गए या बंदी बना लिए गए।”

इस बीच, पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने घटना की पुष्टि तो की है लेकिन हताहतों की संख्या बताने से इंकार कर दिया है

कतर और सऊदी अरब से मदद मांग चुका है पाकिस्तान

यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब पाकिस्तान की सेना पहले से ही तालिबान की बढ़ती ताकत और आतंकी हमलों से जूझ रही है
पिछले हफ्ते ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कतर और सऊदी अरब से मदद मांगी थी ताकि सीमावर्ती इलाकों में “सुरक्षा सहयोग” बढ़ाया जा सके।

लेकिन अब जो दृश्य सामने आए हैं, उन्होंने आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर की छवि पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
जनरल मुनीर, जो खुद को “दक्षिण एशिया का सबसे ताकतवर सैन्य प्रमुख” बताते हैं, अपने ही सैनिकों को भागता देखकर आलोचनाओं के घेरे में आ गए हैं।

तालिबान की रणनीति और बढ़ती आक्रामकता

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने हाल के महीनों में सीमा सुरक्षा बलों को मजबूत किया है
उनके पास अब अमेरिकी हथियार, नाइट विजन डिवाइस और ड्रोन तक हैं, जो उन्हें पाकिस्तान पर सामरिक बढ़त दिला रहे हैं।

एक स्थानीय अफगान पत्रकार ने कहा —

“तालिबान अब पहले जैसा नहीं रहा। उनके पास आधुनिक हथियार हैं और वे पाकिस्तान की हर हरकत का जवाब देने के लिए तैयार हैं।”

विश्लेषण: क्यों पस्त हो रही पाकिस्तानी सेना?

विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की सेना आर्थिक संकट, आंतरिक राजनीतिक अस्थिरता और लगातार आतंकी हमलों से कमजोर हो चुकी है।
देश में ईंधन की कमी, वेतन का संकट और मनोबल की गिरावट ने सेना की कार्यक्षमता को प्रभावित किया है।

रक्षा विश्लेषक हसन अब्बास के अनुसार —

तालिबान का जश्न और पाकिस्तानी जनता की नाराज़गी

अफगान सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में देखा जा सकता है कि तालिबान लड़ाके पाकिस्तानी झंडे को उल्टा लहराते हुए नाच रहे हैं, जबकि कुछ लोग बंदूक की नली पर पाकिस्तानी फौजी की पैंट टांगे हुए हैं।

दूसरी ओर, पाकिस्तान के नागरिक सोशल मीडिया पर सरकार और सेना पर भड़के हुए हैं।
कई लोगों ने लिखा —

“हम पर अरबों डॉलर खर्च किए जाते हैं, लेकिन सेना हमारी सीमाओं की रक्षा तक नहीं कर पा रही।”

अब क्या करेगा पाकिस्तान?

इस अपमानजनक हार के बाद पाकिस्तान ने काबुल को कड़ा विरोध पत्र (Protest Note) भेजा है।
साथ ही सीमा पर अतिरिक्त टुकड़ियां भेजने का निर्णय लिया गया है।
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान तालिबान से सीधे टकराव की हिम्मत जुटा पाएगा या नहीं।

कई विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्तान अब कूटनीतिक रास्ता अपनाएगा, क्योंकि उसकी सेना एक और हार झेलने की स्थिति में नहीं है।

निष्कर्ष: हार से टूटा पाकिस्तान, तालिबान ने दिखाई ताकत

चमन-बोल्डक की यह झड़प सिर्फ एक सीमा विवाद नहीं, बल्कि पाकिस्तान की गिरती सैन्य साख का संकेत है।
जहां एक ओर अफगान लड़ाके जश्न मना रहे हैं, वहीं पाकिस्तान की सेना शर्मिंदगी और आलोचना से जूझ रही है।

अगर हालात ऐसे ही रहे, तो आने वाले महीनों में पाकिस्तान को न सिर्फ अफगान मोर्चे पर, बल्कि आंतरिक सुरक्षा मोर्चे पर भी भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

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