नेपाल में हाल ही में हुई हिंसक झड़पों और अफरातफरी के बीच एक भारतीय महिला की आपबीती ने सबको झकझोर दिया है। यह महिला वहां यात्रा के सिलसिले में गई थी, लेकिन अचानक भड़की हिंसा के कारण वह कई घंटे तक डर और दहशत में फंसी रही। उसने जो घटनाक्रम बताया, वह न केवल नेपाल की मौजूदा स्थिति की गंभीरता को दिखाता है, बल्कि यह भी बताता है कि विदेशी यात्रियों के लिए यह दौर कितना खतरनाक बन चुका है।
महिला के अनुसार, “लोग लाठियां लेकर दौड़ रहे थे, हर तरफ भगदड़ और डर का माहौल था। मैं और मेरे साथी जान बचाने के लिए इधर-उधर छिपते रहे।”
नेपाल में हालात कैसे बिगड़े?
नेपाल में पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक अस्थिरता और स्थानीय मुद्दों को लेकर विरोध-प्रदर्शन बढ़ गए थे।
- कई जगहों पर लोग सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
- देखते ही देखते प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया और भीड़ ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया।
- पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें कई लोग घायल हो गए।
इसी दौरान कई विदेशी पर्यटक, जिनमें भारतीय भी शामिल थे, इन घटनाओं की चपेट में आ गए।
भारतीय महिला की आपबीती
उत्तर प्रदेश की रहने वाली यह भारतीय महिला अपने परिवार के साथ नेपाल घूमने गई थी। उसने बताया:
- “हम एक बाजार में थे, तभी अचानक भीड़ ने दौड़ना शुरू कर दिया। किसी के हाथ में लाठी थी, तो कोई पत्थर फेंक रहा था।”
- “हमने एक दुकान के अंदर जाकर खुद को छिपाया। लगभग दो घंटे तक वहीं बैठे रहे। बाहर निकलने की हिम्मत नहीं हो रही थी।”
- “फोन नेटवर्क भी ठीक से काम नहीं कर रहा था, जिससे परिवार और दोस्तों से संपर्क करना मुश्किल हो गया।”
महिला ने कहा कि यह अनुभव उसकी जिंदगी का सबसे डरावना पल था।
भारतीय दूतावास की भूमिका
नेपाल में मौजूद भारतीय दूतावास ने तुरंत स्थिति का संज्ञान लिया और वहां फंसे भारतीय नागरिकों से संपर्क साधा।
- दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए।
- भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए स्थानीय प्रशासन से समन्वय किया गया।
- कई यात्रियों को सुरक्षित होटल और गेस्ट हाउस में शिफ्ट किया गया।
भारतीय दूतावास ने नागरिकों से अपील की कि वे अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें और अपने पासपोर्ट व जरूरी दस्तावेज हमेशा अपने साथ रखें।
स्थानीय लोगों का रवैया
हालांकि स्थिति तनावपूर्ण थी, लेकिन कई स्थानीय लोगों ने विदेशियों की मदद भी की।
- कुछ लोगों ने अपने घरों के दरवाजे खोले और फंसे यात्रियों को अंदर छिपाया।
- दुकानदारों ने यात्रियों को मुफ्त पानी और भोजन दिया।
- कुछ टैक्सी ड्राइवरों ने खतरे के बावजूद पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया।
यह तस्वीर नेपाल की मानवता और सहयोग की भावना को भी दिखाती है।
नेपाल में भारतीय पर्यटकों की संख्या
नेपाल हमेशा से भारतीय पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है।
- काठमांडू, पोखरा, लुंबिनी और जनकपुर जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थल हर साल हजारों भारतीयों को आकर्षित करते हैं।
- लेकिन हाल के वर्षों में राजनीतिक अस्थिरता और कभी-कभी होने वाले विरोध-प्रदर्शनों ने यहां की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सुरक्षा विशेषज्ञों की राय
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी यात्रियों को ऐसे हालात में बेहद सतर्क रहना चाहिए।
- भीड़ या प्रदर्शन वाले इलाकों से दूर रहें।
- स्थानीय प्रशासन और दूतावास के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
- मोबाइल में हमेशा लोकेशन और जरूरी कॉन्टैक्ट नंबर सेव रखें।
विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि नेपाल सरकार को इस तरह की घटनाओं पर तुरंत नियंत्रण पाने के लिए और सख्ती से काम करना होगा।
भारत सरकार की चिंता
भारत सरकार ने नेपाल में मौजूद अपने नागरिकों की सुरक्षा पर चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और जरूरत पड़ने पर विशेष फ्लाइट या बसों के जरिए भारतीयों को सुरक्षित लाने की व्यवस्था भी की जाएगी।
निष्कर्ष
नेपाल में फंसी भारतीय महिला की आपबीती इस बात की गवाही देती है कि अचानक भड़की हिंसा यात्रियों की जान के लिए कितनी खतरनाक हो सकती है। “लोग लाठियां लेकर दौड़ रहे थे…” जैसी घटनाएं किसी भी यात्री के मन में भय पैदा कर सकती हैं।
अब जरूरत है कि नेपाल सरकार अपने यहां की स्थिति पर तुरंत काबू पाए और विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। वहीं, भारतीय यात्रियों को भी ऐसे हालात में सतर्क रहने और दूतावास के दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है।
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