प्लाज्मा चोरी कांड: AIIMS भोपाल में सामने आया चौंकाने वाला सच
भोपाल, 3 अक्टूबर: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित AIIMS (एम्स) अस्पताल एक गंभीर मामले को लेकर सुर्खियों में है। ब्लड बैंक से लंबे समय से रहस्यमय तरीके से गायब हो रहा प्लाज्मा आखिरकार CCTV कैमरों की नजर में आ गया। शुरुआती जांच में जो खुलासे हुए हैं, वे हैरान करने वाले हैं और अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं।
कहां से शुरू हुआ शक?
AIIMS के ब्लड बैंक में पिछले कुछ महीनों से प्लाज्मा यूनिट्स की अनियमितता पाई जा रही थी। रिकॉर्ड के मुताबिक जितना प्लाज्मा संग्रहित किया गया था, उतना स्टॉक हर बार मौजूद नहीं मिलता था। पहले इसे गिनती या रिकॉर्डिंग की भूल माना गया, लेकिन जब मामले बढ़ने लगे, तो प्रबंधन ने आंतरिक जांच के आदेश दिए।
CCTV फुटेज में हुआ खुलासा
जांच टीम ने ब्लड बैंक और उसके आसपास लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली, तब सामने आया कि प्लाज्मा चोरी कोई बाहरी घटना नहीं, बल्कि “इनसाइड जॉब” थी। वीडियो में एक स्टाफ सदस्य को संदिग्ध गतिविधियों में देखा गया, जो प्लाज्मा यूनिट्स को नियमों के खिलाफ समय पर बाहर ले जाते हुए पाया गया।
सूत्रों के मुताबिक, संबंधित व्यक्ति कई बार देर रात या स्टाफ शिफ्ट बदलने के समय इस हरकत को अंजाम देता था, जब निगरानी कम होती थी
किसके इशारे पर हो रही थी चोरी?
इस मामले की जड़ में क्या कोई ब्लैक मार्केट सिंडिकेट है, या फिर प्लाज्मा को किसी निजी अस्पताल या लैब को बेचा जा रहा था – इस पर अभी जांच जारी है। अस्पताल प्रशासन ने संदिग्ध कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया है और मामले की रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी गई है
प्रबंधन और सुरक्षा पर सवाल
AIIMS भोपाल जैसा संस्थान, जो देश के शीर्ष मेडिकल संस्थानों में गिना जाता है, वहां प्लाज्मा जैसी जीवनरक्षक चीज़ की चोरी होना गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। यह घटना न सिर्फ संस्थान की छवि को धक्का पहुंचाती है, बल्कि मरीजों की सुरक्षा और विश्वास पर भी प्रश्नचिन्ह लगाती है।
आगे की कार्रवाई
अस्पताल प्रशासन ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। पुलिस इस बात की तफ्तीश कर रही है कि क्या यह कोई अकेली घटना थी या फिर संगठित गिरोह इसके पीछे है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय भी इस मामले की रिपोर्ट तलब कर सकता है।













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