दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण का स्तर खतरनाक होता जा रहा है। हवा में घुला जहर लोगों की सांसों पर भारी पड़ने लगा है। राजधानी के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 के पार पहुंच गया है, जिससे हालात “गंभीर” श्रेणी में आ गए हैं। इसी के चलते दिल्ली सरकार और पर्यावरण विभाग ने सख्त कदम उठाने का फैसला लिया है।
अब 1 नवंबर से कुछ प्रकार की गाड़ियों को दिल्ली में एंट्री नहीं मिलेगी। इसका उद्देश्य बढ़ते प्रदूषण को काबू में लाना और सर्दियों में स्मॉग की समस्या को रोकना है।
1 नवंबर से लागू होगा नया प्रतिबंध
दिल्ली सरकार ने आदेश जारी किया है कि पुरानी डीजल और पेट्रोल गाड़ियां राजधानी में प्रवेश नहीं कर सकेंगी।
खास तौर पर निम्नलिखित वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा:
- 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियां
- 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियां
- राजधानी में बाहर के राज्यों की भारी डीजल गाड़ियां, जैसे ट्रक, डंपर और ट्रैक्टर
इन वाहनों को 1 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर रोक दिया जाएगा। पुलिस और परिवहन विभाग ने स्पेशल चेकिंग ड्राइव की तैयारी भी शुरू कर दी है।
दिल्ली में हवा क्यों बिगड़ रही है?
हर साल की तरह इस बार भी दीवाली के बाद पराली जलाने, वाहन उत्सर्जन, निर्माण कार्य और मौसम में ठंड बढ़ने की वजह से हवा स्थिर हो जाती है, जिससे प्रदूषक तत्व नीचे ही जमा रहते हैं।
सफर (SAFAR) की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में PM 2.5 और PM 10 का स्तर सामान्य से 8 गुना तक बढ़ चुका है।
किन इलाकों में सबसे खराब है हवा?
दिल्ली के निम्नलिखित इलाकों में AQI खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है –
- आनंद विहार: 520
- जहांगीरपुरी: 498
- आईटीओ: 485
- नरेला: 470
- मंडी हाउस: 460
इन क्षेत्रों में सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और गले में खराश की शिकायतें तेजी से बढ़ी हैं।
आम जनता पर असर
हवा की खराब स्थिति का सबसे ज्यादा असर बच्चों, बुजुर्गों और दमा के मरीजों पर पड़ रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को सुबह-शाम के समय बाहर निकलने से बचना चाहिए और मास्क का उपयोग करना चाहिए।
दिल्ली के AIIMS डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर स्थिति नहीं सुधरी तो अस्पतालों में सांस और हृदय संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ सकती है।
GRAP-III लागू होने की तैयारी
प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण (GRAP-III) को लागू करने की तैयारी है।
इस चरण के तहत निम्नलिखित कदम उठाए जाएंगे –
- निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध
- स्कूलों में आउटडोर एक्टिविटी पर रोक
- सड़क किनारे धूल उड़ाने वाले कार्यों पर रोक
- डिजल जनरेटर का सीमित इस्तेमाल
ट्रैफिक पुलिस का अलर्ट
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने सभी बॉर्डर इलाकों – जैसे सिंघु, टिकरी, गाजीपुर, बदरपुर और आनंद विहार – पर स्पेशल चेकपोस्ट्स बना दिए हैं।
कोई भी वाहन जो प्रतिबंधित श्रेणी में आएगा, उसे तुरंत वापस भेज दिया जाएगा या भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
पर्यावरण मंत्री का बयान
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा,
“दिल्ली की हवा को साफ रखना सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सभी नागरिकों का भी कर्तव्य है। हम सबको मिलकर प्रदूषण के खिलाफ अभियान चलाना होगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।
निष्कर्ष
दिल्ली में सर्दी की शुरुआत के साथ ही प्रदूषण का ‘आफतकाल’ लौट आया है।
अब सरकार की सख्ती और जनता की जागरूकता ही मिलकर इस संकट से राहत दिला सकती है।
1 नवंबर से पुराने वाहनों की एंट्री बंद होना एक जरूरी कदम है — लेकिन असली चुनौती अब हवा को सांस लेने लायक बनाना है।
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