मणिपुर में लंबे समय से जारी हिंसा और अस्थिरता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राज्य दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। रविवार को जब पीएम मोदी मणिपुर पहुंचने वाले थे, उस वक्त अचानक मौसम बिगड़ गया और तेज बारिश की वजह से उनका हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका। लेकिन इससे उनका संकल्प नहीं टूटा। प्रधानमंत्री ने हवाई मार्ग छोड़कर 65 किलोमीटर लंबी सड़क यात्रा करने का निर्णय लिया और हिंसा पीड़ितों से सीधे मुलाकात की।
मौसम ने डाली बाधा, लेकिन नहीं रुके पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा पहले से तय था। वह हेलिकॉप्टर से हिंसा प्रभावित इलाके तक जाने वाले थे, लेकिन खराब मौसम और भारी बारिश के कारण उड़ान रद्द कर दी गई।
- सुरक्षा एजेंसियों ने वैकल्पिक रास्ते पर चर्चा की।
- पीएम मोदी ने बिना किसी हिचकिचाहट के सड़क मार्ग से जाने का निर्णय लिया।
- करीब 65 किलोमीटर लंबी यह यात्रा कठिन और जोखिम भरी थी, क्योंकि मणिपुर के कई इलाकों में अब भी तनाव बना हुआ है।
फिर भी प्रधानमंत्री ने कहा कि “हिंसा पीड़ितों से सीधे मिलना जरूरी है, क्योंकि उनकी पीड़ा को महसूस किए बिना समाधान अधूरा रहेगा।
हिंसा पीड़ितों से संवाद
पीएम मोदी ने राहत शिविरों और हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया।
- उन्होंने महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों से बातचीत की।
- विस्थापित परिवारों ने पीएम को अपनी समस्याएं और डर बताए।
- मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार हर संभव मदद करेगी और जल्द ही शांति बहाल होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि “मणिपुर की शांति और विकास हमारी प्राथमिकता है। यहां के लोगों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि आप अकेले नहीं हैं। पूरा देश आपके साथ खड़ा है।”
सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
प्रधानमंत्री की सड़क यात्रा के दौरान सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए।
- सड़क मार्ग पर पैरा-मिलिट्री फोर्स और स्थानीय पुलिस की तैनाती की गई।
- रूट के आसपास के संवेदनशील इलाकों में विशेष निगरानी रखी गई।
- काफिले की आवाजाही के दौरान कई बार मौसम के कारण रफ्तार धीमी करनी पड़ी, लेकिन यात्रा सुरक्षित पूरी हुई।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर विपक्ष ने भी प्रतिक्रिया दी।
- कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह कदम स्वागत योग्य है, लेकिन उन्हें पहले ही हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करना चाहिए था।
- वहीं, भाजपा नेताओं ने इसे “पीएम की प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता का प्रमाण” बताया।
मणिपुर हिंसा का पृष्ठभूमि
मणिपुर में पिछले कई महीनों से जातीय तनाव और हिंसा की घटनाएं लगातार हो रही हैं।
- विभिन्न समुदायों के बीच टकराव ने हजारों लोगों को बेघर कर दिया।
- कई इलाकों में आर्थिक और सामाजिक गतिविधियां ठप हैं।
- केंद्र और राज्य सरकार लगातार हालात को सामान्य करने की कोशिश कर रही हैं।
प्रधानमंत्री का यह दौरा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हिंसा पीड़ितों को सीधा संदेश मिला है कि उनकी समस्याओं को सबसे ऊंचे स्तर पर गंभीरता से सुना जा रहा है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 65 किलोमीटर लंबी सड़क यात्रा कर मणिपुर हिंसा पीड़ितों तक पहुंचना यह दर्शाता है कि कठिनाइयों के बावजूद नेतृत्व का संकल्प मजबूत होना चाहिए। खराब मौसम और सुरक्षा जोखिमों को नजरअंदाज कर पीएम का सीधे लोगों से मिलना न केवल उनके मनोबल को बढ़ाता है बल्कि शांति बहाली की प्रक्रिया को भी गति देता है।
यह दौरा साफ संदेश देता है कि केंद्र सरकार मणिपुर के लोगों के साथ खड़ी है और शांति, विकास तथा स्थिरता की राह में हर संभव कदम उठाएगी।
















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