यमुना का जलस्तर बढ़ा, आगरा शहर में पानी भरा, 2000 लोगों का पलायन

यमुना का जलस्तर बढ़ा, आगरा शहर में पानी भरा, 2000 लोगों का पलायन

आगरा। यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से ताज नगरी आगरा बाढ़ जैसे संकट का सामना कर रही है। शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया है, जिससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने 2000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। शहर की कई कॉलोनियाँ, बाजार और गाँव जलमग्न हो चुके हैं। ताजमहल के आसपास के क्षेत्र में भी पानी भरने की खबरें हैं, जिसने स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों की चिंता बढ़ा दी है।

यमुना में बढ़ा जलस्तर

मौसम विभाग और जल संसाधन विभाग के अनुसार,

  • पिछले 72 घंटों से लगातार हो रही बारिश के कारण यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुँच गया है।
  • हाथरस, मथुरा और हरियाणा के हिस्सों से छोड़ा गया अतिरिक्त पानी आगरा की तरफ बहकर आ रहा है।
  • ताजमहल और लाल किला क्षेत्र से गुजरने वाली यमुना की धारा अब उफान पर है, जिससे आसपास के इलाकों में पानी घुस गया है।

शहर की तस्वीर

  • आगरा के ताजगंज, रामबाग, पानीगली, कीर्ति नगर और बल्केश्वर इलाकों में पानी भर गया है।
  • कई कॉलोनियों में लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में निकल पड़े।
  • सड़कें नदी का रूप ले चुकी हैं। दोपहिया वाहन और रिक्शे डूबते दिखाई दे रहे हैं।
  • प्रशासन ने नावों और ट्रैक्टरों की मदद से लोगों को निकाला।

पलायन की मजबूरी

  • प्रशासन ने अब तक करीब 2000 लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया है।
  • इनमें महिलाएँ, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं।
  • स्कूल और सामुदायिक भवनों को अस्थायी राहत शिविरों में बदला गया है।
  • कई परिवार अपने मवेशियों और सामान के साथ सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर चुके हैं।

ताजमहल और ऐतिहासिक धरोहर पर खतरा

  • यमुना का पानी ताजमहल के पीछे बने हिस्से तक पहुँच गया है।
  • पुरातत्व विभाग ने अलर्ट जारी किया है और लगातार निगरानी रखी जा रही है।
  • विशेषज्ञों का कहना है कि ताजमहल की नींव यमुना नदी से जुड़ी हुई है, इसलिए नदी का जलस्तर इसकी मजबूती पर असर डाल सकता है।
  • आगरा किला और मेहताब बाग के कुछ हिस्सों में भी पानी भरने से नुकसान का खतरा है।

प्रशासन की तैयारियाँ

  • जिला प्रशासन और नगर निगम की टीमें लगातार राहत-बचाव कार्य में लगी हैं।
  • एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 5 टीमें आगरा में तैनात की गई हैं।
  • लोगों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें।
  • बिजली विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में बिजली काट दी है ताकि करंट से हादसे न हों।

लोगों की मुश्किलें

  • बाढ़ के कारण पीने का पानी और खाने की समस्या खड़ी हो गई है।
  • कई जगहों पर दूध और सब्जियों की आपूर्ति रुक गई है।
  • छोटे दुकानदारों और रिक्शा चालकों की रोज़ी-रोटी पर संकट आ गया है।
  • सोशल मीडिया पर लोग प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

पर्यटकों पर असर

  • ताजमहल और अन्य स्मारकों पर पर्यटकों की संख्या में कमी आई है।
  • कई विदेशी पर्यटक जो पहले से आगरा में थे, उन्हें अपने होटल से बाहर निकलने में कठिनाई हो रही है।
  • पर्यटन उद्योग, जो आगरा की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, इस संकट से प्रभावित हो सकता है।

मौसम विभाग का अलर्ट

  • मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है।
  • यमुना का जलस्तर और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
  • हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिसका सीधा असर आगरा और मथुरा के इलाकों पर पड़ेगा।

विपक्ष का आरोप, सरकार का बचाव

  • कांग्रेस और सपा नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार और प्रशासन ने समय रहते बचाव की तैयारी नहीं की।
  • उनका कहना है कि जलभराव और निकासी की योजनाएँ पहले से तैयार होनी चाहिए थीं।
  • बीजेपी नेताओं ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया और कहा कि सरकार हर संभव मदद कर रही है।
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को 24 घंटे निगरानी रखने और किसी भी लापरवाही पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

विशेषज्ञों की राय

  • पर्यावरणविदों का कहना है कि शहरीकरण और अवैध निर्माण ने बाढ़ की स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
  • उन्होंने चेतावनी दी कि यदि नदी के किनारे अतिक्रमण नहीं हटाए गए तो हर साल आगरा को ऐसे संकट का सामना करना पड़ेगा।
  • इतिहासकारों ने भी चिंता जताई कि ताजमहल जैसी धरोहर बार-बार बाढ़ के खतरे में पड़ सकती है।

आगरा इस समय बाढ़ जैसी स्थिति से जूझ रहा है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से शहर के निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं और हजारों लोगों को पलायन करना पड़ा है। प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्य कर रहा है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है।

ताजमहल और अन्य धरोहरों पर मंडराता संकट, जनता की परेशानियाँ और राजनीतिक बयानबाज़ी – सब मिलकर यह साबित करते हैं कि आगरा के सामने यह संकट केवल प्राकृतिक नहीं, बल्कि मानव-जनित चुनौतियों का भी परिणाम है।

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