Bihar Election 2025: बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Election 2025) को लेकर आज बड़ा दिन है। चुनाव आयोग आज शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा। इस ऐलान के साथ ही प्रदेश में आचार संहिता लागू हो जाएगी और सियासी तापमान और बढ़ जाएगा।
बिहार में कब और कितने चरणों में होंगे चुनाव?
माना जा रहा है कि इस बार बिहार में विधानसभा चुनाव 5 से 6 चरणों में हो सकते हैं। बिहार की कुल 243 विधानसभा सीटों पर वोटिंग कराई जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, पहला चरण अक्टूबर के अंत या नवंबर के पहले सप्ताह में हो सकता है, जबकि गिनती दिसंबर की शुरुआत में कराई जाएगी।
2020 के चुनाव की तरह इस बार भी बहु-चरणीय चुनाव कराए जाने की पूरी संभावना है, ताकि सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स को बेहतर ढंग से संभाला जा सके।
चुनाव आयोग की तैयारी पूरी
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ने संकेत दिया है कि मतदाता सूची, मतदान केंद्रों और सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा पूरी कर ली गई है। बिहार में कुल 7 करोड़ से अधिक मतदाता हैं, जिनमें महिलाओं की भागीदारी रिकॉर्ड स्तर पर देखी जा रही है।
चुनाव आयोग ने कहा – “हमारा लक्ष्य है कि अधिकतम मतदाता भागीदारी सुनिश्चित की जाए और हर मतदाता को निष्पक्ष वातावरण में मतदान का अवसर मिले।”
किन दलों की किस्मत दांव पर
बिहार की सियासत में इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है।
- एक ओर एनडीए (NDA) है, जिसमें बीजेपी और जेडीयू (JDU) शामिल हैं।
- दूसरी तरफ महागठबंधन (INDIA Bloc) है, जिसकी अगुवाई तेजस्वी यादव कर रहे हैं।
- वहीं, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी और ओवैसी की AIMIM भी मैदान में उतर चुकी हैं।
पिछले कुछ महीनों से बिहार में सभाओं, रैलियों और जनसभाओं का दौर तेज़ है।
नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों ही विकास, रोजगार और कानून-व्यवस्था को मुख्य मुद्दा बना रहे हैं, जबकि बीजेपी केंद्र की योजनाओं के दम पर चुनावी मैदान में उतर रही है।
क्या है इस बार के चुनाव के बड़े मुद्दे
बिहार चुनाव 2025 में कई अहम मुद्दे हैं जो मतदाताओं के फैसले को प्रभावित कर सकते हैं:
- बेरोजगारी: युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों की कमी एक बड़ा मुद्दा है।
- बाढ़ और अवसंरचना: हर साल की बाढ़ से होने वाली तबाही और ग्रामीण सड़कों की स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं।
- शिक्षा और स्वास्थ्य: सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की स्थिति अब भी चिंता का विषय है।
- कानून-व्यवस्था: हाल के महीनों में अपराध के मामलों ने सरकार पर दबाव बढ़ाया है।
चुनावी रणनीतियों की हलचल
चुनाव तारीखों के ऐलान से पहले ही सभी राजनीतिक दलों ने अपनी चुनावी रणनीतियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।
बीजेपी और जेडीयू संयुक्त रूप से सीट शेयरिंग फॉर्मूला तय करने में जुटे हैं, वहीं महागठबंधन में सीट बंटवारे पर मंथन चल रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार का चुनाव पूरी तरह से नीतीश बनाम तेजस्वी और मोदी फैक्टर बनाम युवा नेतृत्व की जंग होगी।
सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
बिहार पुलिस और केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग के बीच समन्वय की बैठकें हो चुकी हैं।
- नक्सल प्रभावित जिलों में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की जाएगी।
- संवेदनशील इलाकों में ड्रोन और CCTV निगरानी रखी जाएगी।
- इस बार चुनाव में ईवीएम और VVPAT का 100% उपयोग होगा।
वोटरों के लिए क्या बदलाव
चुनाव आयोग ने इस बार मतदाताओं की सुविधा के लिए कुछ नए प्रावधान किए हैं:
- सीनियर सिटीज़न्स और दिव्यांग मतदाता पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डाल सकेंगे।
- QR कोड वाले वोटर स्लिप्स जारी की जाएंगी।
- ऑनलाइन वोटर हेल्पलाइन ऐप से बूथ और मतदान केंद्र की जानकारी आसानी से मिलेगी।
निष्कर्ष
आज शाम 4 बजे जब चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान करेगा, तो इसके साथ ही प्रदेश की सियासत में नया जोश देखने को मिलेगा।
राजनीतिक दलों के बीच घमासान, रणनीति, और घोषणाओं का सिलसिला अब तेजी से बढ़ेगा।
अब सभी की निगाहें चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हैं — क्योंकि यही तय करेगी कि बिहार की सियासत का अगला अध्याय कब और कैसे लिखा जाएगा।
यह भी पढ़ें : बिहार ओपिनियन पोल: नीतीश की पार्टी और तेजस्वी की सीटों का हाल
















Leave a Reply