नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में एक असामान्य घटना घटी, जिसने पूरे देश का ध्यान खींचा। मंगलवार को अदालत में उपस्थित व्यक्ति राकेश किशोर ने मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़ (गवई) की ओर जूता फेंकने की कोशिश की। यह घटना सुरक्षा और कानूनी व्यवस्था के लिहाज से गंभीर मानी जा रही है।
राकेश किशोर कौन है?
राकेश किशोर, स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। उसकी पृष्ठभूमि और व्यक्तित्व को लेकर अभी जानकारी सीमित है, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट्स में बताया गया है कि वह पिछले कुछ समय से न्यायपालिका और सरकारी नीतियों को लेकर असंतुष्ट था।

घटना के पीछे की वजह
सूत्रों के मुताबिक, राकेश किशोर ने अदालत में यह कदम उठाया क्योंकि वह किसी विशेष मामले के निपटान से नाराज़ था। हालांकि, सुरक्षा बलों ने तुरंत उसे रोक लिया और मामले को नियंत्रण में कर लिया। विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएँ न्यायपालिका की सुरक्षा के लिए चेतावनी हैं।
सुरक्षा और कानूनी कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा टीम ने तुरंत राकेश किशोर को हिरासत में ले लिया। इसके बाद, उसे पुलिस के हवाले किया गया और जांच शुरू कर दी गई। अदालत में इस तरह की हरकत को गंभीर अपराध माना जाता है, और इसके लिए भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत कार्रवाई हो सकती है।
मीडिया और आम जनता की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर चर्चा तेज़ हो गई। कई लोग इस पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि उच्च न्यायालयों में सुरक्षा व्यवस्था कितनी प्रभावी है। वहीं कुछ लोग इसे न्यायपालिका के प्रति असंतोष के रूप में देख रहे हैं।
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट में CJI गवई पर जूता फेंकने की कोशिश एक गंभीर और दुर्लभ घटना है। राकेश किशोर की कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया कि न्यायपालिका और सुरक्षा एजेंसियों को और मजबूत कदम उठाने की आवश्यकता है। इस घटना की जांच जारी है और आगे की कानूनी प्रक्रिया जल्द ही सामने आएगी।
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