लद्दाख के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक की हिरासत का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गया है। उनकी पत्नी ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करते हुए उनके खिलाफ लगाई गई राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) की धाराओं को पूरी तरह अवैध करार दिया है।
वांगचुक की पत्नी का कहना है कि उनके पति लोकतांत्रिक तरीक़े से लद्दाख की समस्याओं को उजागर कर रहे थे, और उनकी गिरफ्तारी संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि इस मामले में जल्द सुनवाई हो और वांगचुक को तुरंत रिहा किया जाए।
कौन हैं सोनम वांगचुक?
- सोनम वांगचुक लद्दाख के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता हैं।
- वे शिक्षा सुधारों और पर्यावरण संरक्षण के लिए कई अभियानों से जुड़े रहे हैं।
- लद्दाख में स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) की स्थापना कर उन्होंने शिक्षा को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने का काम किया।
- 3 इडियट्स फिल्म के किरदार फुंसुख वांगडू को उन्हीं से प्रेरित माना जाता है।
क्यों हुई गिरफ्तारी?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वांगचुक ने हाल ही में लद्दाख को संवैधानिक सुरक्षा देने, पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय लोगों के अधिकारों से जुड़े कई प्रदर्शन आयोजित किए थे।
- उन्होंने शांतिपूर्ण भूख हड़ताल और क्लाइमेट फास्ट भी किए थे।
- केंद्र सरकार ने उनकी गतिविधियों को “सुरक्षा के लिए ख़तरा” बताते हुए NSA के तहत हिरासत में ले लिया।
- हालांकि, उनके समर्थकों और परिवार का कहना है कि वांगचुक ने हमेशा अहिंसात्मक तरीकों से आंदोलन किया है और उनकी गिरफ्तारी पूरी तरह राजनीतिक दबाव का नतीजा है।
पत्नी की याचिका में क्या कहा गया?
वांगचुक की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में लिखा है:
- NSA का दुरुपयोग करके उनके पति की गिरफ्तारी की गई।
- यह हिरासत मनमानी और असंवैधानिक है।
- सोनम वांगचुक केवल पर्यावरण, हिमालयी पारिस्थितिकी और लद्दाख की जनता के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठा रहे थे।
- लोकतंत्र में शांतिपूर्ण विरोध अपराध नहीं हो सकता।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया है और सरकार से जवाब तलब किया है। अदालत ने केंद्र से पूछा है कि किन परिस्थितियों में एक शांतिपूर्ण सामाजिक कार्यकर्ता को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सख़्त रुख अपनाता है, तो यह भविष्य में NSA के दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए एक बड़ा फैसला साबित हो सकता है
देशभर में समर्थन की लहर
- लद्दाख ही नहीं, बल्कि पूरे देश से सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग उठ रही है।
- कई पर्यावरणविद, सामाजिक कार्यकर्ता और छात्र संगठन उनके समर्थन में आ गए हैं।
- ट्विटर और सोशल मीडिया पर हैशटैग #FreeSonamWangchuk तेजी से ट्रेंड कर रहा है।
निष्कर्ष
सोनम वांगचुक का मामला सिर्फ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ है।
अगर सुप्रीम कोर्ट से उनके पक्ष में फैसला आता है, तो यह न केवल उन्हें आज़ादी दिलाएगा, बल्कि देशभर में शांतिपूर्ण आंदोलनों और नागरिक अधिकारों के लिए भी बड़ा मील का पत्थर साबित होगा।
















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