हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व अत्यंत पावन और शुभ माना जाता है। वर्ष 2025 में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत सितंबर, से होगी और इसका समापन 3 अक्टूबर, को विजयादशमी (दशहरा) के दिन होगा। इन नौ दिनों तक मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की आराधना करने से भक्तों को सुख, शांति, धन-धान्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
शारदीय नवरात्रि का महत्व
शारदीय नवरात्रि विशेष रूप से आश्विन माह में आती है और इसे शक्ति उपासना का सबसे बड़ा पर्व कहा गया है। मान्यता है कि इन दिनों में मां दुर्गा पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तों को हर तरह की कष्टों से मुक्त करती हैं।
- यह पर्व नवरात्रों में सबसे प्रमुख माना जाता है।
- इसी समय रामलीला और दशहरा भी आयोजित होते हैं।
- भक्तजन उपवास, व्रत, भजन-कीर्तन और पूजा-पाठ करके मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
कौन-सा पाठ करें?
मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए शास्त्रों में कई पाठ और स्तोत्र बताए गए हैं, लेकिन नवरात्रि के दिनों में ये पाठ विशेष फलदायी माने जाते हैं:
- दुर्गा सप्तशती का पाठ – इसे चंडी पाठ भी कहा जाता है। मान्यता है कि जो भक्त पूरे नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का नियमित पाठ करता है, उसके जीवन से सभी प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं।
- देवी कवच – देवी कवच का पाठ करने से मां दुर्गा की अदृश्य शक्ति भक्त की रक्षा करती है।
- अर्गला स्तोत्र और कीलक स्तोत्र – यह पाठ न केवल मनोकामना पूर्ण करता है बल्कि घर-परिवार में सुख-समृद्धि भी लाता है।
- महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र – इस पाठ से साहस और शक्ति की प्राप्ति होती है।
- दुर्गा चालीसा – साधारण भाषा में लिखा गया यह पाठ भक्तों को मां की विशेष कृपा दिलाता है।
पाठ करने की विधि
- सुबह स्नान कर के स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर या मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीपक जलाएँ।
- लाल या पीले फूल अर्पित करें और नैवेद्य चढ़ाएँ।
- संकल्प लेकर प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- अंत में मां दुर्गा से आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
लाभ
- जीवन से नकारात्मकता और भय समाप्त होता है।
- करियर, धन और व्यापार में प्रगति होती है।
- घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
- मानसिक और शारीरिक शक्ति की वृद्धि होती है।
निष्कर्ष
शारदीय नवरात्रि 2025 मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का एक सुनहरा अवसर है। इस बार अगर आप पूरे नियम और श्रद्धा के साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ या दुर्गा चालीसा करेंगे, तो निश्चित ही मां आपकी हर मनोकामना पूर्ण करेंगी और जीवन के सभी संकट दूर होंगे।













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