भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो गई है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से द्विपक्षीय सीरीज रुकी हुई है और फैंस सिर्फ ICC टूर्नामेंट्स या एशिया कप में ही इन दोनों टीमों को भिड़ते देखते हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर एक याचिका दायर की गई, जिसमें भारत-पाक क्रिकेट को बहाल करने की मांग की गई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना स्पष्ट रुख रखते हुए महत्वपूर्ण टिप्पणी की है।
क्या थी याचिका?
- याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज दोबारा शुरू हो।
- उनका कहना था कि खेल को हमेशा राजनीति से अलग रखना चाहिए।
- क्रिकेट दोनों देशों के बीच आपसी रिश्तों को बेहतर बनाने और लोगों को जोड़ने का एक बेहतरीन जरिया है।
Supreme Court की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान साफ कहा:
- “भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट कराने या न कराने का फैसला न्यायपालिका नहीं कर सकती। यह पूरी तरह सरकार और क्रिकेट बोर्ड का विषय है।”
- कोर्ट ने कहा कि यह मामला कूटनीति और राष्ट्रीय नीति से जुड़ा है, इसलिए इसमें दखल देना सही नहीं होगा।
- साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय संबंध ऐसे फैसलों में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
क्या कहा फैसले में?
- सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।
- कोर्ट ने दोहराया कि भारत-पाक क्रिकेट को लेकर अंतिम फैसला केंद्र सरकार और BCCI ही करेंगे।
- हालांकि कोर्ट ने यह भी माना कि क्रिकेट एक ऐसा मंच है जो दोनों देशों के लोगों को करीब ला सकता है।
BCCI और सरकार का रुख
- BCCI पहले ही साफ कर चुका है कि भारत-पाक सीरीज सिर्फ सरकार की अनुमति से ही हो सकती है।
- भारत सरकार का कहना है कि जब तक पाकिस्तान की तरफ से आतंकी गतिविधियों पर रोक नहीं लगती और रिश्तों में सुधार नहीं होता, तब तक द्विपक्षीय सीरीज संभव नहीं है।
भारत-पाक क्रिकेट का इतिहास
- आखिरी बार 2012 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सीरीज खेली गई थी।
- इसके बाद से तनावपूर्ण रिश्तों और सीमा पर घटनाओं के चलते क्रिकेट सीरीज पर रोक लग गई।
- अब दोनों टीमें सिर्फ विश्व कप, एशिया कप और ICC इवेंट्स में ही आमने-सामने आती हैं।
फैंस की निराशा और उम्मीद
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कई फैंस निराश हुए हैं, क्योंकि वे भारत-पाक मैच को एक क्लासिक क्रिकेट राइवलरी मानते हैं।
- सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कहा कि “क्रिकेट को राजनीति से अलग होना चाहिए।”
- वहीं कुछ ने कोर्ट के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे पहले है।
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत-पाक क्रिकेट सीरीज पर फैसला उसका नहीं बल्कि केंद्र सरकार और BCCI का है। फिलहाल फैंस को द्विपक्षीय सीरीज का इंतजार और करना होगा। जब तक दोनों देशों के रिश्ते सामान्य नहीं होते, तब तक मुकाबले सिर्फ ICC टूर्नामेंट्स और एशिया कप तक ही सीमित रहेंगे।












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