भारतीय शेयर बाजार ने बुधवार को जोरदार तेजी दिखाई। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-US ट्रेड पर दिए गए सकारात्मक बयान ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया और सेंसेक्स 400 अंकों की छलांग लगाकर बंद हुआ। निफ्टी भी 120 अंकों की तेजी के साथ ऊपरी स्तर पर बंद हुआ। बाजार की यह रौनक विदेशी निवेशकों की वापसी और घरेलू निवेशकों की जोशीली खरीदारी से और बढ़ गई।
यह तेजी केवल अंकों तक सीमित नहीं रही, बल्कि निवेशकों की भावनाओं में भी सकारात्मकता देखी गई। खासकर आईटी, बैंकिंग और मेटल सेक्टर में जबरदस्त खरीदारी ने बाजार की चाल को और मजबूती दी।
ट्रंप का बयान – भारतीय बाजार के लिए बड़ा संकेत
ट्रंप ने अमेरिका में एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि भारत और अमेरिका के बीच आने वाले समय में ट्रेड संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि “भारत जैसे देशों के साथ व्यापारिक रिश्तों को और विस्तार देना अमेरिका के लिए प्राथमिकता होगी।”
यह बयान ऐसे समय आया है जब वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बनी हुई है। महंगाई, ब्याज दरें और भू-राजनीतिक तनाव निवेशकों को सतर्क कर रहे थे। लेकिन ट्रंप का यह बयान भारतीय बाजार के लिए उम्मीद की किरण साबित हुआ।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ट्रंप फिर से अमेरिका की सत्ता में आते हैं तो भारत-अमेरिका व्यापारिक साझेदारी में बड़ा उछाल देखने को मिलेगा।
सेंसेक्स और निफ्टी की जोरदार क्लोजिंग
- सेंसेक्स 400 अंकों की मजबूती के साथ 73,250 के स्तर पर बंद हुआ।
- निफ्टी 120 अंकों की छलांग लगाकर 22,100 पर बंद हुआ।
बाजार की शुरुआत हल्की बढ़त के साथ हुई थी लेकिन दोपहर बाद ट्रंप का बयान सामने आते ही तेजी ने रफ्तार पकड़ ली। निवेशकों ने आईटी, बैंकिंग, फार्मा और मेटल सेक्टर में जमकर खरीदारी की।
सेक्टरवार प्रदर्शन
आईटी सेक्टर
ट्रंप के बयान से आईटी सेक्टर को सबसे ज्यादा फायदा हुआ। इंफोसिस, टीसीएस और विप्रो जैसे शेयरों में 3% तक की तेजी देखने को मिली। इसका कारण यह है कि अमेरिका भारत की आईटी कंपनियों का सबसे बड़ा क्लाइंट है और बेहतर ट्रेड संबंध आईटी सर्विसेज की डिमांड बढ़ा सकते हैं।
बैंकिंग सेक्टर
एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एसबीआई जैसे बड़े बैंकों के शेयरों में 2% तक की मजबूती दर्ज की गई। निवेशकों का मानना है कि विदेशी निवेशकों के रुझान में सुधार से बैंकिंग सेक्टर को सीधा फायदा होगा।
मेटल सेक्टर
टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील और हिंडाल्को जैसी कंपनियों के शेयरों में भी तेजी देखी गई। अमेरिका-भारत ट्रेड बेहतर होने से मेटल एक्सपोर्टर्स को फायदा होगा।
फार्मा सेक्टर
सन फार्मा और डॉ. रेड्डीज जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों में भी तेजी रही। भारत की फार्मा कंपनियां अमेरिका को बड़े पैमाने पर निर्यात करती हैं, इसलिए यह बयान इस सेक्टर के लिए सकारात्मक रहा।
विदेशी निवेशकों का रुख
पिछले कुछ हफ्तों से विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से दूरी बनाए हुए थे। लेकिन ट्रंप का बयान आते ही बाजार में नई ऊर्जा देखने को मिली। विदेशी निवेशकों (FII) ने बुधवार को 1,200 करोड़ रुपये की नेट खरीदारी की।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भारत-US संबंधों में सुधार होता है तो एफआईआई का प्रवाह और बढ़ सकता है।
मार्केट एक्सपर्ट्स की राय
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप का बयान फिलहाल “सेंटिमेंटल बूस्ट” है। यानी, निवेशकों की भावनाओं पर इसका असर पड़ा है। लेकिन अगर वास्तव में भारत और अमेरिका के बीच बड़े समझौते होते हैं तो बाजार को स्थायी मजबूती मिल सकती है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विश्लेषक ने कहा, “आईटी और फार्मा सेक्टर के लिए यह बयान बेहद अहम है। दोनों ही सेक्टर अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं और किसी भी सकारात्मक बदलाव से कंपनियों की ग्रोथ रफ्तार पकड़ सकती है।”
निवेशकों के लिए संकेत
निवेशकों को यह समझना जरूरी है कि केवल बयानों पर निर्भर रहकर निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है। विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि:
- शॉर्ट-टर्म निवेशक सावधानी बरतें।
- लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए आईटी, फार्मा और बैंकिंग सेक्टर आकर्षक बने रहेंगे।
- विविधीकृत पोर्टफोलियो बनाना इस समय सबसे बेहतर रणनीति हो सकती है।
वैश्विक बाजारों का असर
वैश्विक बाजारों में भी बुधवार को सकारात्मक माहौल देखने को मिला। अमेरिकी डॉव जोंस, नैस्डैक और एसएंडपी 500 में हल्की बढ़त दर्ज की गई। यूरोपीय और एशियाई बाजारों में भी स्थिरता देखी गई।
भारतीय बाजार पर इसका असर साफ दिखा। निवेशकों ने जोखिम उठाने की हिम्मत दिखाई और खरीदारी में तेजी आई।
भारत-US संबंधों का आर्थिक महत्व
भारत और अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से हैं। दोनों देशों के बीच कारोबार सालाना 200 अरब डॉलर से ज्यादा का है। आईटी, फार्मा, स्टील और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर इसमें सबसे अहम भूमिका निभाते हैं।
अगर आने वाले समय में अमेरिका और भारत के बीच फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) होता है तो इसका सीधा फायदा भारतीय निर्यातकों और निवेशकों को मिलेगा।
भविष्य की संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ट्रंप फिर से सत्ता में आते हैं तो भारत-अमेरिका के बीच आर्थिक रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे। इससे भारतीय कंपनियों को नए अवसर मिल सकते हैं।
आईटी कंपनियों को आउटसोर्सिंग प्रोजेक्ट्स में फायदा होगा, जबकि फार्मा कंपनियों के लिए अमेरिका का बाजार और खुल सकता है। मैन्युफैक्चरिंग और स्टील सेक्टर को भी बड़ा लाभ होगा।
निष्कर्ष
ट्रंप के बयान ने भारतीय शेयर बाजार में नई जान डाल दी है। सेंसेक्स और निफ्टी की तेजी ने निवेशकों का उत्साह बढ़ाया है। हालांकि यह तेजी फिलहाल “सेंटिमेंटल” है, लेकिन अगर आने वाले समय में भारत-US संबंधों में ठोस बदलाव होते हैं तो बाजार लंबे समय तक मजबूत रह सकता है।
आईटी, फार्मा और मेटल सेक्टर निवेशकों के लिए अगले कुछ महीनों में सबसे बड़े आकर्षण हो सकते हैं। विदेशी निवेशकों की वापसी भी बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगी।
भारतीय बाजार में यह रौनक फिलहाल जारी रहने की संभावना है, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहना और सही सेक्टर में निवेश करना ही समझदारी होगी।
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